Stories

“ Tapovan Pahar ” in Jharkhand

सभी के बच्चे, सभी को अच्छे लगते है, क्योंकि हमें बचपना अच्छा लगता है, हम बच्चो कि सूरत या रंग नही देखते है, न ही उनकी सीरत, क्योंकि" बचपना " एक ऐसा गुण है, जो दिल को भा जाता है, मां को तो बच्चे मेें भगवान का रूप दिखता है,बच्चे मां को भगवान मानते है, क्योंकि मां ही है जो उन्हें लोगों कि बुरी नजर से बचायें रखती हैं,

एहसास" दोस्ती का

फिल्मों मे' सागर' को देखने के बाद उसे पास से देखने कि लालसा  प्रबल हो जाती

" सोच "नई पीढ़ी का"

                                    Thinking "new generation"  सोच "नई पीढ़ी का"" बरगद का पेड़ अपनी उपयोगिता के कारण पूज्य निय है"

हम बरगद के पेड़ कि तुलना किसी संयुक्त परिवार के साथ कर के देखना चाहते है, कि कोई परिवार भी समाज मे इसके समान महान बन सकता है, या नही.......

अदृश्य आंसू Invisible Tears

पहली बार जब बच्चा जन्म के समय धरती पर गिरता है, तो गिरते के साथ कहां-कहां कर के रोने लगता है, यानि वह समझ चुका है, कि उसे अब हर एक परीक्षा से गुजरना है, उसके रोने पर हम इन्सान कुछ सोचने-समझने कि कोशिश के जगह जोर-जोर हंसतें है, उसी समय से उस बच्चे को जरूरत पड़ती है, ऐसे गोद कि जो उसे अपने गोद मे लेकर सीने से सटा कर बोले- Don,t worry मै हूं न.......

दुल्हा दुढ़ नही पाया

"दुल्हा दुढ़ नही पाया" नामक कविता के आधार पर अधारित बाप-बेटी के बीच के वर्तालाप  को कहानी का रूप दिया गया है.............

रविवार का दिन है, 'सीमा ' जो 14 साल कि है, अपने गुड़िया {Doll} के लिए लहगा सिल रही है वहि बरामदे में बैठे उसके पापा पेपर पढ़ रहे, मां रसोई घर में खाना बनाने मे व्यस्त है, सीमा अपने गुडियां को दुल्हन कि तरह सजा रही है

भ्रम

जब वर्तमान परिस्थितिया हमारे अनुकूल नही होती है, तब हम अपने लिए भ्रम वाली दुनियां का निर्माण कर लेते है, इस दुनियां में सबकुछ वैसा ही होता है, जैसा हम चाहते है, यह भ्रम नाना प्रकार के होते है, मां को श्रवण जैसा बेटा पाने का भ्रम, पत्नी को मजनू जैसा पति पाने का भ्रम, पति को सति- सावित्री जैसा पत्नी पाने का भ्रम , सास को बेटी समान बहु पाने का भ्रम, बहु को सास में मां जैसा प्यार पाने का भ्रम, छात्रों

अनोखा प्यार

ये कहानी उन दो दोस्तों कि है, जो आज एक दुसरे से मिलना नही चाहते,

सबसे अच्छा दोस्त

सालो पहले कि बात है, जब मेरी शादी के 3 साल हुए थे, एक दिन मेरी ननद बाहर खेलना छोड़ कर दौड़ी हुई आई और कहा...... भाभी बगल के स्कूल के पास एक बड़ा सा गाड़ी आकर खड़ा है, उसमे सेबहुत  सारे लोग स्कूल के अंदर गये मैने जा कर देखा  वहां बुढ़ी औरतें  स्लेट-पेंसिल लेकर बैठी है।मैंने अपने पति देव जी से कहा....

जीवन साथी

एक साल पहले 70 साल के बुढ़े ने 60 साल के बुढ़ी से शादी कि, यह खबर आग कि तरह चारों ओर फैल गया, घर-घर में उनकी बदनामी हो रही थी, लोगों ने उन दोनों से बात करना बंद कर दिया, मुझे गलत तो लगा, आश्चर्य भी हुई, लेकिन सच्चाई के तह तक जाने के लिए उनसे मिलना जरूरी था, लोगों कि परवाह किये बिना मैं उनसे मिली, और सच जाना, जो आप लोगों के सामने रखने जा रही हूं, लेकिन उनके आग्रह पर पात्रों के नाम नही बता सकती,

मैं और मेरी दादी

मैं अपने दादी की दुलारी थी, उनके लाड़-प्यार ने मुझे निडर बना दिया, मै कोई भी बदमाशी करती मेरी दादी  मुझे बचा लेती थी, बचपन में सभी बच्चे झुठ बोलते है, मैं झुठ इतनी सफाई से बोलती थी कि लोगों को सच लगता था, धीरे-, धीरे लोगों को पता चल गया, उन्होन मेरा नाम" झूठ की नानी" रख दिया, अब मेरे सच भी लोगों को झुठ लगने लगे,