सबसे अच्छा दोस्त

सबसे अच्छा दोस्त
सालो पहले कि बात है, जब मेरी शादी के 3 साल हुए थे, एक दिन मेरी ननद बाहर खेलना छोड़ कर दौड़ी हुई आई और कहा...... भाभी बगल के स्कूल के पास एक बड़ा सा गाड़ी आकर खड़ा है, उसमे सेबहुत सारे लोग स्कूल के अंदर गये मैने जा कर देखा वहां बुढ़ी औरतें स्लेट-पेंसिल लेकर बैठी है।मैंने अपने पति देव जी से कहा.... ये जी आप बाहर जा कर देखिए ना क्या हो रहा है, उन्होंने कहा.......मुझे पता है बाहर से कुछ लोग " प्रौढ़- शिक्षा" के लिए सेंटर खोलने आये है, मैंने ने कहा..... मुझे भी पढ़ाना है, उन्होंने कहा.... पागल हो, माँ कभी भी इसकी इजाजत नही देगी,मैं दौड़ी हुई अपने सासु जी से इजाजत लेने चली गई, मैने उनसे कहा.....मां मुझे बगल के स्कूल में पढ़ाने जाना है, सासु जी बोली... लोग क्या कहेगें नई बहु को पैसा कमानें भेज दिया, मैनें कहा..... मां पैसा नही मिलेगा, यह एक प्रकार से समाज सेवा है, मुझे अच्छा लगता है पढ़ना--
सासु जी ने बहाना बनाते हुए कहा... अगर तुम्हारा पति इजाजत देता है तो जाओ, मैं फिर उनके पास
गई और उनसे कहा..... ये जी मां ने कहा आप बोलोगे तो मैं जा सकती हूं , उन्होंने कहा.... तुम पागल हो मां के मर्जी के बिना कुछ नही होता वह अपना पल्ला झाड़ कर तुम्हे मेरे पास भेज दी,
मैं समझ गई मुझे बहलाया जा रहा है, मैं समझ नही पा रही हूं कि दिक्कत कहां है, सासु जी ने गुस्सातें हुए कहा....हमारे यहां बहु 5 साल तक दुल्हन के रूप में रहती है, बिना मतलब बाहर निकलना शोभा नही देता, पढ़ाने कैसे जाओगी, खाना कौन बनायेगा तुम्हारा बच्चा कौन देखेगा
मैनें कहा.... मां यह पढ़ाई सिर्फ 2 घंटे कि होती है जब स्कूल कि छुट्टी हो जायेगी उसके बाद 3 बजें से 5 बजें तक होती है, मै 3 बजें से पहले घर के सारे काम कर लुगी, फिर 5 बजे के बाद आकर काम करूगी,सासु जी ने मेरे पति से कहा...... इसे तो हमारी बात समझ में आती नही है तू ही समझा, पति देव गुस्सा कर सोने चले गये,
अब मैं क्या करू मेरे पास अब एक ही हथियार था, वो है मेरे"आंसू" मैं रोती हुए एक कमरें में खुद को बंद कर लिया मेरी ननद दरवाजा पिटने लगी, भाभी दरवाजा खोलो क्या कर रही हो, उसके चिल्लाने कि आवाज सुनकर पति देव और सासु जी दोनों आ गये, सबने दरवाजा खोलने के लिए मनाना शुरू कर दिया पर मैनें नही खोला, अंत में सासु जी ने कहा..... बहुत जिद्दी है कुछ भी कर सकती है, बेटा इसकी बात मान ले, पति जी ने कहा.... दरवाजा खोलो और तैयार हो जाओ,
मैनें झट से दरवाजा खोला,हंसते हुए बाहर आई, जल्द से मुंह हाथ धोकर साधारण सी साड़ी पहन कर तैयार हो गई, सासु जी देखकर हंसते हुए कहा...... अभी रो रही थी, अभी इसकी हंसी देखो यहि साड़ी पहन कर जाओगी बक्से से नया साड़ी निकाल लो, मैने कहा.... घुमने थोड़ी जा रहें है, पति जी ने हंसते हुए कहा अपना Marksheet ले लो, मैं वहां सिर्फ तुम्हारे साथ जा रहा हूं क्या बोलना है, किससे बोलना है तुम जानो, मैनें कहा..... ठिक है
मैं जब स्कूल पहुंची तो देखा मोहल्ले के सारे संजन पुरूष पधारे हुए है, हिम्मत कर के Headmaster
के हाथ में अपना Marksheet देते हुए कहा..... सर मै भी पढ़ाना चाहती हुं, सर.... अच्छी बात है, उन्होंने बाहर से आये हुए सर से कहा.... ये हमारी बहु जैसी है, इसे भी पढ़ाने का शौक है, उस आदमी ने मेरी तरफ ऐसे देखा जैसे उसे लगा..... ये और पढ़ायेगी, क्योंकि मैने सिर पर पल्लु रखा था रोते-रोते मेरे आंख लाल हुए थे, आवाज भारी हुआ था,
उसने कहा... ये चाक "chalk लो और black board पर एक मकान का चित्र बनाओं और समझाओ कि यह क्या है और यह शब्द बना कैसे है,
चाक लेने के बाद मेरे हाथ भी कांपने लगे, मैंने एक पल के लिए अपने आप से बात कि ऐसा मौका फिर नही मिलेगा सब कुछ तुम्हारे साथ है सिर्फ आत्मबल के साथ अपनी काबलियत दिखाना है, मैं blackboard की ओर बढ़ी पहले मैने एक मकान का चित्र बनाना और उसके नीचे मकान लिखा,फिर सामने बैठी बुढ़ी औरतों को सम्बोधित करते हुए कहा..... चाची जी आप लोग इस चित्र को पहचानते हो, उन्होंने कहा....हां, यह मकान है, मैंने कहा..... आप लोगो ने ठिक पहचाना, मकान शब्द तीन अक्षर से बना है, पहला' म' दुसरा 'क' में आकार तीसरा' न'
तब उस आदमी ने कहा..... आप आ जाओ और रजिस्टर पर साइन कर दो हमारे अलावा 2 लड़कियों को भी चुन लिया गया था, हम तीनों को छोटे-छोटे बच्चों और बुढ़ी औरतों को पढ़ाने के लिए चुना गया,बाहर से आये हुए लोग चले गये,7 दिन के बाद से पढ़ाना था, मै भी घर आ गई, मैं इतनी खुश थी मानो कोई जंग जीत कर आई हूं,
फिर क्या था अब तो उमंग से भरे रोज फटा-फट घर के काम कर लेती उस वक्त मेरा बच्चा 2 साल का था उसे भी तैयार कर देती, किसी दिन सासु जी अपने पास रखती किसी दिन मै अपने साथ लेकर जाती मेरी ननद और मेरा बच्चा वहि पास मे खेलते रहते थे, मै चाची लोग को पढ़ाती,
पढ़ाने से पहले हम लोगो को 5 दिनों कि ट्रेनिंग दी गई थी कि उन्हें कैसे पढ़ाना है, हमे बताया गया कि पहले हमें उन्हें अपना दोस्त और हमदर्द बनाना है फिर पढ़ाई के महत्व को समझाना है, उनके मान सम्मान को ढेस नही लगना चाहिए,
शादी के पहले मै बच्चो को पढ़ाया करती थी, इसलिए पढ़ाने का कुछ ज्ञान तो था, मगर वो बच्चे थे, लेकिन ये बुढ़ी औरतें सासु जी और मां के समान है, इनसे तो ऊंचे आवाज में बात नही कर सकते,उन लोगो से हमारी दोस्ती बहुत जल्द हो गई, हम सब को एक दूसरे से इतना लगाव हो गया कि किसी दिन अगर कोई नही आता तो हम सब उसे miss करते थे, औरतें मुझे दुल्हन बोलती और मैं उन्हें चाची जी बोलती थी, इसी तरह पढ़ाई चलती रही
यह पढ़ाई एक साल तक चली, उसके बाद सरकार के तरफ से सुविधाए मिलना बंद हो गया, आधा से ज्यादा औरतें किताब पढ़ना सिख चुकी थी, कुछ तो सिर्फ गप करने ही आती थी फिर भी उन्हें अक्षरों का ज्ञान हो ही गया था,
अब हमारे मिलने-जुलने का सिलसिला खत्म होने वाला था, उनमें से कुछ औरतों को मुझसे इतना लगाव हो गया था कि मिलने के लिए मेरे घर आने लगी, उनलोगों के आग्रह पर मैनें उनके पोता-पोती को पढ़ाने कि जिम्मे वारी ली उनके बहु-बेटी को सिलाई सिखाने लगी,धीरे-धीरे सब लोग मेरे काम के बारे में जानने लगे, पैसा के साथ- साथ नाम बहुत कमाया जिन्दगी इतनी तेज दौड़ रही थी कि पीछे मुड़ कर देखने कि जरूरत नही पड़ी अपनापन इतना कि कोई भी अपने दिल कि बात इतनी आसानी से बोल देता था मानों मैं उनकी अपनी हूँ
इस व्यस्त जिंदगी में भी न जाने कभी- कभी मैं बहुत उदास हो जाया करती थी, सब कुछ था मेरे पास
तो किसकी कमी खल रही थी मुझे नही पता , आधा घंटा बाद सब कुछ ठिक हो जाता था, लोगों के दुःख से दु:खी हो जाती थी, ये सब देखकर मेरे घरवालों को गुस्सा आने लगा उनका कहना था कि अपने घर मे हजार काम है, तुम अपने बारे में तो सोचो दिन भर परेशान रहती हो किस चिज कि कमी है अपना बोझ कम करो थोड़ा आराम भी किया करों, इसिलए जो औरते तुमसे मिलने आती है उनको मिलने से मना कर दो मैं बड़ी मुश्किल में पड़ गई, जिन्हें मुझसे इतना लगाव है उनसे कैसे कहुं कि आप हमसे मिलने मत आओं इधर हमारा घर और घरवालें इनकों कैसें नाराज करू दिल कुछ और कहता दिमाग कुछ और इस दिल-दिमाग के युद्ध में एक दिन हालात बेकाबु हो गया
Heart में दर्द हुआ और मैं बेहोश हो गई, मुझे तो इतना ही याद है, उसके बाद क्या हुआ मुझे नही पता
जब मेरी आंख खुली तो खुद को डाक्टरों के बीच घिरी हुई पाई, एक डा० ने कहा आप ठिक हो, अभी आपको नींद आ रही है आप सो जाओं, आराम जरूरी है,
3..4 घंटा बाद
किसी ने कहा......Good evening..
मैं... आंख खोलते हुए' चारों ओर देख रही थी, मैंने देखा कांच के उस पार पति देव खड़े है, मैने सोचा
उन्होंने वहां से कैसे good evening कहा और आस-पास तो कोई है नही, मै फिर सो गई,
फिर से आवाज आई....good evening.
मैं...... कौन है, मुझे दिखाई क्यों नही दे रहा है,
फिर से आवाज आई......मैं तुम्हारा " दिल" हूं
मैं..... दिल ....?
दिल...........हां..
मैं...... दिल कैसे बोल सकता है
दिल ...... मै सब कुछ कर सकता हूं
मैं......मै दिल कि नही सुनती, दिमाग कह रहा है कि ये मेरा भ्रम है, तुम नही बोल सकते
दिल......... अब, तो मेरी सुनो,
मै...... क्या सुनु
दिल ...... तुम I.C.U में हो और यह मेरी वजह से हुआ है
मैं...... अब तो खुश हो..
दिल...... तुम से बात करने के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा, दुसरा रास्ता नही था मुझे बात करना है
मै...... क्यों...?
दिल...... तुम हमेशा मुझे चुप करा देती हो, और दिमाग को बड़वा देती हो, मेरा भी मन करता है तुम से
बात करने का
मैं......तुम बहुत बदमाश हो, सबको भ्रमित करते हो,
दिल...... ये किसने कहा..
मैं..... मेरी दादी ने,
दिल...... हमेशा दादी ने ये कहा, पापा ने वो कहा, तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो,
मैं...... मैनें कभी नही सोचा कि तुम क्या चाहते हो
दिल.... अब तुम्हें I.C.U में तीन दिन रहना है कैसे रहोगी अकेले, मुझ से दोस्ती कर लो
मैं..... तुम से....
दिल..... क्यों मुझसे दोस्ती करने में क्या बुराई है
मैं..... नही पता
दिल.... ठिक है, अभी तुम सो जाओ, हम कल बात करते है
दुसरे दिन सुबह 7.00 A.M good morning उठ जाओ, डा० साहेब आ रहे है मैनें देखा सचमुच डा० आ रहे थे
डा०...... आप कैसा महसूस कर रही हो
मैं......Fine आप के Hospital में भूत है
डा०...... नही तो, भूत कैसे हो सकता है आप कि तबियत ठिक नही इसलिए ऐसा भ्रम हो रहा है
मैं.... शायद
डा०...... आप आराम करो
दिल....... तुम ने मुझे भूत कहा
मै...... क्या कहूं जो चीज दिखाई नही देती उसका क्या अlस्तिव
दिल...... दिमाग भी तो दिखाई नही देता है, उसकी बात तो बहुत मानती हो मुझे तुम्हारा
Best friend बनना है
मैं.....Best friend और तुम
दिल..... तुम्हारा best friend होने के लिए मेरे में कौन-कौन से गुण होने चाहिए, बताओ
उनमें से एक गुण भी कम हुआ तो मैं खुद friend request वापस ले लुगा, बोलो
मैं.....1st मै जब भी किसी problem में उसे याद करू, वह अपनी राय"opinion" देने के लिए
मेरे साथ हो
दिल...... किसी और दोस्त को आने में देर हो सकती है,मै हमेशा तुम्हारे साथ रहता हूं और
कभी भी गलत राय नही दुंगा
मैं........2nd वह मेरे बारे में अच्छी तरह से जाने, मुझे कभी गलत न समझे
दिल........ मैं तुम्हें, तुम से भी अच्छी तरह से जानता हुँ, समझता हूं
मैं.........3rd वो हमसे कभी नाराज न हो
दिल......I promise मैं तुम से नाराज हो ही नही सकता
मैं.....4th उसे friendship और relationship काmeaning पता हो
दिल...... मुझे पता है friendship वो प्यार है जिसमें कोई" स्वार्थ" नही होता
relationship के प्यार में स्वार्थ होता है
मै....5th मैं उसकी दोस्त हूं कहने से न डरे
दिल...... मैं किसी से नही डरता, तुम सब से कह सकती हो, कि मैं तुम्हारा दोस्त हूं
मैं...... अच्छा thanks
दिल...... अच्छा नही, बोलो
मैं....... मेरा दिल मेरा "best friend" है
दिल.....like it हम आज से एक दुसरे का साथ देगे
मै...yes
दिल..... अब तुम आराम करो हम कल बात करेगे
तीसरे दिन सुबह
दिल.....good morning friend
मैं..... चुप रही
दिल.......... क्या हुआ चुप क्यों हो
मैं........ पूरी रात सो नही पाई
दिल....... मुझे पता है, जब मैं नही सो पाया तो तुम्हें कैसे नींद आयेगी
मैं...... मतलब...
दिल....... क्या करोगी मतलब जान कर, पहले ये बताओ कि मेरे बारे मे लोग कहते क्या है
मै....... सब कहते है कि दिल कि नही, दिमाग कि सुननी चाहिए,
दिल...... मुझे तो 2 ही काम आते है,.....1st प्यार करना 2nd नफरत करना, अगर प्यार करते हैं
तो दो लोग बदनाम होते है, एक वो जिसने प्यार किया, दूसरा वो जिससे प्यार किया,
जैसे--लैला-मजनू, हीर-रांझा, इत्यादि अगर नफरत करता हूं तो तैयार होते है नक्सलवादी
आतंकवादी, देश द्रोही ....अब तुम ही बताओ, प्यार से ज्यादा नुकशान है, या नफरत से
मै...... नफरत से
दिल...... अगर मैं लोगों को प्यार सिखाता हूं, तो कोई बुरा काम करता हूं,
मैं..... नही, मेरी राय तुम्हारे बारे में गलत थी
दिल...... कोई बात नही देर से सहि तुमने मुझे सहि तो माना
मैं........I,m very-very sorry
दिल......thanks अब तुम यहां से चली जाओगी, फिर बाहर कि दुनियां में, बाकि लोगों कि तरह बन
जाओगी, मुझे भूल जाओगी
मैं..... नही भुलु गी
दिल.... तो वादा करो, तुम जितनी भी व्यस्त होगी, मुझे good morning और good night
करना नही भुलो गी
मैं..... वादा करती हूं
दिल....... एक और वादा करो अपने 24 घंटे में से आधा घंटा मेरे लिए निकालो गी, मुझ से बाते करोगी
मैं........ ये नया" जीवन" तुम्हारा दिया हुआ है, तुम्हारी ये बाते भी मजूर है
दिल...... कभी भी, किसी भी हालात में डरना मत,मैं हमेशा तुम्हारें साथ हूं वादा करों कि तुम कभी
नही रोओगी क्यो कि .....
"देख सकता हूं मैं, कुछ भी होते हुए, नही मैं नही देख सकता, तुम्हे रोते हुए"
"जिंन्दगी कि इस घटना ने मेरी आंखे खोल दी, मौत को करीब पाकर जीना आ गया, आज मैं
जो कुछ भी हूं इसका श्रेय"Credit" मेरे best friend को जाता है, उसनें मुझे मशिन से
इंसान बना दिया "