“ प्यार का एहसास ”
“ प्यार का एहसास ”
1…..मत इंतजार कराओ, हमें इतना कि
वक्त के फैसलें पर, अफसोस हो जाये,
क्या पता कल तुम, लौट कर आओ,
और हम, खामोश हो जाये,
2…..हर दिन अपनी जिंदगी को, एक नया ख्वाब दो,
चाहे पूरा ना हो, आवाज तो दो,
एक दिन पूरे हो जायेगे, सारे ख्वाब तुम्हारे,
सिर्फ एक शुरुआत तो दो,
3…...विश्वास करने वाले से ज्यादा, बेवकूफ
विश्वास को तोड़ने वाला होता है,
वो सिर्फ एक छोटे से स्वार्थ के लिए,
एक प्यारे इंसान को खो देता है,
4…...याद इतना करो की, कोई हद ना हो,
भरोसा इतना करो की, शक ना हो,
इंतजार ऐसा करो की, कोई वक्त ना हो,
दोस्ती ऐसी करो की, कभी नफरत ना हो,
5…...जिंदगी में किसी का साथ काफी है,
कंधे पर किसी का हाथ काफी है,
दूर हो या पास फर्क नहीं पड़ता,
सच्चे रिश्तों का तो, बस एहसास काफी है,
6…...दिल उनके लिए ही मचलता है,
ठोकर खाता है और संभलता है,
किसी ने इस कदर कर लिया
दिल पर कब्जा, दिल तो मेरा है,
पर उनके लिए धड़कता है,
7…...फेसबुक के दोस्त, नदी के दो किनारों की तरह है
जो कभी मिलते तो नहीं, पर रिश्ता उनका
दिल से दिल का है, जो दूर रहकर भी, करीब-करीब सा है,
8…….सफर में मुश्किलें आये, तो हिम्मत और बढ़ती है,
कोई रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है,
अगर बिकने पे आ जाओं, तो घट जाते है दाम अक्सर,
ना बिकने का इरादा हो, तो किमत और बढ़ती है,
9…...इश्क में हमें, बेनाम कर दिया,
हमने कभी नहीं चाहा, कि मोहब्बत हो,
लेकिन आपकी नजर ने, निलाम कर दिया,
10….दिल से दिल, बड़ी मुश्किल से मिलते है,
तुफानों में साहिल, बड़ी मुश्किल से मिलते है,
यूॅ तो मिल जाता है हर कोई.........
मगर आप जैसे दोस्त, नसीब वालों को मिलते है,
11…..हमने जीवन मे बदलते रिश्तों को देखा है,
मगर कुछ ऐसे फरिश्तों को भी देखा है,
जो कोई रिश्ता न होने पर भी रिश्ता निभाते है,
बस दुनियां में वही दिल को छू जाते है,
12…..दोस्ती मतलब एक प्यारा सा दिल, जो कभी नफरत नहीं करता,
एक प्यारी सी मुस्कान, जो कभी फीकी नहीं पड़ती,
एक एहसास, जो कभी दुःख नहीं देता, और
एक रिश्ता जो कभी खत्म नहीं होता,
13….क्यों, मुश्किलों में साथ देते है,
दोस्त, क्यों गम को बांट लेते है,
दोस्त, ना रिश्ता खून से, न रिवाज से बंधा,
फिर भी, जिंदगी भर साथ देते है दोस्त,
14…….समझा दो अपनी यादों को,
वो बिन बुलाए पास आया करती है,
आप तो दूर रहकर सताते हो,
मगर वो पास आकर रुलाया करती है,
15…...जिंदगी चाहे, एक दिन की हो या चार दिन की,
उसे ऐसे जीओ कि, जिंदगी तुम्हें नहीं मिली,
बल्कि जिंदगी को तुम मिले हो.........
16…..इस दर्द के तूफान को, सह लेगे हम,
टूट गया है दिल, फिर भी हंस लेगे हम,
तुझ पर दिल लुटाने की, सजा मिली है ये,
मर जायेगे, पर अब किसी से दिल न लगायेगे हम,
17…...जीना चाहा, तो जिंदगी से दूर थे हम,
मरना चाहा, तो जीने को मजबूर थे हम,
सर झुका कर कबूल, कर ली हर सजा,
कसूर बस इतना था, कि बेकसूर थे हम,
18…...स्वयं को ऐसा बनाओ, जहाँ तुम हो, वहाँ तुम्हें सब प्यार करे,
जहाँ से तुम चलें जाओ, वहाँ तुम्हें सब याद करे,
जहाँ तुम पहुंचने वाले हो, वहॉ सब तुम्हारा इंतजार करे,
19…..रिश्ते बनते रहें, इतना ही बहुत है,
सब हंसते रहें, इतना ही बहुत है,
हर कोई हर वक्त, साथ नहीं रह सकता,
याद एक-दूसरे को करते रहे, इतना ही बहुत है,
20….फूलों की तरह, मुस्कुराते रहिये,
भंवरो की तरह, गुनगुनाते रहिये,
चुप रहने से रिश्ते भी, उदास हो जाते है,
कुछ उनकी सुनिये, कुछ अपनी सुनाते रहिये,
21…..अपनी मोहब्बत की खुशबू से, नूर कर दे,
जुदा न हो सके, इतना मगरूर कर दे,
मेरे दिल में, बस जाए वफ़ा तेरी,
किसी और को ना देखू, मुझे इतना मजबूर कर दे,
22…..हाथों की लकीरों में, सजा ले मुझ को,
दिल के किसी कोने में, छुपा ले मुझ को,
क्या पता जिंदगी कब, साथ छोड़ दे मेरा,
दो पल के लिए भी, अपना बना ले मुझ को,
23…..नफरत की दुनिया में, मोहब्बत ढूंढ रहे थे....
काँटों की नगरी में, फूल ढूंढ रहे थे....
पैंसों की दुनिया में, प्यार ढूंढ रहे थे....
धोखें की इस दुनिया में, वफा ढूंढ रहे थे....
ये दुनिया क्या है ? मुझे क्या पता था,
मौत की भीड़ में, ज़िंदगी ढूंढ रहे थे…
24…...दोस्ती से कीमती कोई, जागीर नहीं होती,
दोस्ती से खूबसूरत कोई, तस्वीर नहीं होती,
दोस्ती य़ू तो कच्चा धागा है,,,,,,,,,,,,,,,
मगर इस धागे से मजबूत, कोई जंजीर नहीं होती,
25…...सपने वो नहीं होते, जो सोने पर आते है,
सपने वो होते है, जो सोने नहीं देते,
अपने वो नहीं होते, जो रोने पर आते है,
अपने वो होते है, जो रोने नहीं देते,