सच्चा प्यार

सच्चा प्यार

  संगिता सधारण घर कि लड़की है, सादगी उसकी पहचान है, बड़ी मुश्किल से B.A तक कि पढ़ाई कर पाती है, पापा नही होने के कारण उसके ऊपर ही घर कि जिम्मेदारी आ जाती है, छोटा भाई 10 वी का छात्र है, मां दोनों बच्चों और घर कि देखभाल करती है, संगिता के लिए job करना बहुत जरूरी हो गया था,बड़ी मुश्किल से एकप्राइवेट कम्पनी में job मिला है, उसके लिए job पाना, भगवान पाने के समान था, इसी के सहारे वह अपने छोटे भाई को पढ़ा-लिखा कर पैर पर खड़ा करने वाली थी, इसलिए वह अपने काम के प्रति निष्ठावान थी, समय पर आंफिस आना उसकी आदत बन चुकी थी, उसे 9000 Rs मिलता  और 2000 Rs हर महिना बैंक से मिलता, उन्ही दोनों रूपये को मिलाकर घर का पूरा खर्च चल रहा था,

                                                  सांगिता 25 साल कि है, शादि कि उम्र होने के बाद भी शादी से इंकार करती है, उसे पता है कि शादी करने से उसके मां और भाई कि जिंदगी धम जायेगी, जमा रुपया खत्म हो जायेगा तो 2000 Rs बैंक से आना बंद, भाई कि पढ़ाई बंद, सब कुछ उलट-पलट हो जायेगा, उसे अपने शादी को तब तक रोकना होगा जब तक भाई को job नही मिल जाता, भाई के job मिलने के बाद ही वह अपने शादी के बारे मे सोच सकती है, यानि 2 साल H.S ,3 साल B.A , फिर 2 साल job लेने मे लग सकता है

पूरे 7 साल बाद ही वह अपने शादी के बारे में सोंच सकती है, ये बात जान कर मां रोनें लगती है कि 25 साल कि संगिता उस वक्त 32 साल कि हो जायेगी, फिर कैसे  होगी शादी, ये तो स्वार्थ कि बात हुई, हम अपने लिए उससे त्याग करा रहे है, रिस्तेदार भी हंसेगे कि बेटी कि कमाई खा रहे है, अच्छा होगा कि शादी कर देते है, हमारा जो होगा सो होगा,उसका घर बस जाना चाहिए

संगिता मां कि बात से सहमत नही है और लोग क्या कहेगें नही सोंचना, पापा के नही रहने पर उसका जो फर्ज बनता है, उसे अपना कर्तव्य समझती है और उसे पूरा  करेगी उसके चाचा जी एक रिस्ता लेकर आते है जो उसी शहर का है, लड़के का नाम है 'सुधीर' जो B.A पास है अपने भैया-भाभी के साथ रहता है, बाजार में बड़ा सा कपड़े का दुकान है जो अच्छा चलता है, परिवार भी छोटा है, मां मान जाती है पर संगिता इंकार कर देती है,

लड़का संगिता से एक बार मिलना चाहता है, दोनों परिवारों कि मर्जी से सुधीर और संगिता किसी पार्क में मिलते है, कुछ बाते होती है.....

सुधीर....... तुम शादी क्यों नही करना चाहती ? तुम्हें किसी से प्यार है,

संगिता........ मेरी  जिंदगी में प्यार के लिए कोई जगह नही हैै,

सुधीर........... तो फिर,

संगिता........ मै अपना फर्ज पूरा करना चाहती हूं,

सुधीर..... वो तुम शादी के बाद भी करते रहना, मैं मना नही करूंगा,

संगिता....... नही, ऐसा नही होता शादी के बाद मेरे फर्ज और बढ़ जायेगे, मैं एक साथ सभी पर खरा

                    नही उतर पाऊंगी,

सुधीर........ मैं तुम्हारी सहायता करूगा,

संगिता....... नही, इसे मुझे ही करने दो,

सुधीर....... तुम शादी के बारे में कब सोचेगी ?

संगिता........ कम-कम 7 साल बाद,

सुधीर........तब तक हम दोनों दोस्त तो बन सकते है,

संगिता..... क्या करोगें दोस्त बन कर,

सुधीर....... तुम से बाते,

संगिता...... जैसी तुम्हारी मर्जी,

सुधीर........ ये लो, मेरा फोन न० जब भी तुम्हें बात करने का दिल करे Missed call कर देना, मैं Call

                     करूगा,

संगिता........... क्यों, मैं call नही कर सकती,

सुधीर...... नही,मै call करूगा,

संगिता.......... ठीक है,

फिर दोनों अपने-अपने घर चले जाते है, संगिता ने अपनी मां से कहा... कि अभी 2 साल रुक जाओ, भाई को H.S पास कर लेने दो,सुधीर ने अपने भैया-भाभी से कहा कि.... अभी शादी के बारे में नही सोचा है,2 साल बाद सोचेगा, भैया गुस्साते हुए कहते है.... तुम अभी 33 साल के हो, 2 साल और ये सब क्या है, दोनों ने अपने-अपने ढंग से बहाना बना कर घर  वालों को शांत कर दिया,जिंदगी फिर से अपनी रफ्तार से चलने लगी,

संगिता का आंफिस  टाइम 10-5 का है यह बात सुधीर को पता है, वह जान-बुझ कर किसी बहाने से दुकान के बाहर  आता और उसे आंफिस जाते हुए देखता, संगिता कभी उसके तरफ देखती और कभी अनदेखा करती,

दुर्गापूजा के समय रोहित उस आंफिस को Join करता है जो कि इसी कम्पनी के दुसरे Branch में था,

अब यहि काम करेंगा,संगिता से ऊंचे Post पर होने के कारण उस पर अपना रौब दिखाता, संगिता अपने काम से मतलब रखती है, रोहित खुद को शाहरूख खान समझता है, हमेशा Style  में रहता है और सब से प्यारी-प्यारी  बातें करता, अपनी इसी अदा से वह अपना काम आसानी से करा लेता है, उसकी यह अदा संगिता को अच्छी लगती है,

संगिता और रोहित के पसंद इतने मिलते है, कि दोनों दोस्त बन जाते है रोहित अपने जन्मदिन पर संगिता से Gift  मांगता है, संगिता बोलती है.... बोलो क्या चाहिए, रोहित कहता है कि....आज के दिन वादा करो कि तुम हमेशा मेरी Best friend रहोगी, संगिता भावनाओं में बहते हुए बहुत कुछ वादा कर देती है, वह कहती है कि ......Lifetime के लिए वो रोहित को अपना best friend मानती है, लोगों को जो सोचना है  सोचें, वह दोस्ती नही तोड़ सकती, रोहित उसकी बाते सुन कर बहुत खुस होता है

दोनों एक-दुसरे के best friend है, यह बात पूरे आंफिस को पता चल गया,best friend का रिस्ता पवित्र रिस्ता है, अगर लोगों को समझ में आये तो शायद ऐसा नही है, संगिता रोहित को बता चुकी है, कि उसकी शादी ठिक हो गई है ताकि रोहित के मन में कोई गलतफैमी न  रहें, पर रोहित तो फिल्मी दिवाना है, उसे कोई फर्क नही पड़ता कि कौन क्या सोचेगा,

होली का दिन है, पर आंफिस खुला है कुल मिलाकर 8-9 लोग ही आये है बाकि सब छुट्टी पर है, संगिता छुट्टी नही ली कि किसके साथ होली खेलना है  आंफिस ही कर लेते है, उसे पता नही होता है कि रोहित भी आंफिस आया हैै, जब उसने रोहित को देखा तो कहा......आप यहां आज के दिन, होली नही खेल रहे हो, रोहित कहता है कि..... किसके साथ खेलु दोस्तों के साथ पीना-पिलाना मैं पसंद नहीं करता इसलिए  आंफिस आ गया, दोनों अपने-अपने केबिन में चले गये,

                                    थोड़ी देर बाद फोन की घंटी बजती है.......

संगिता........Hello, आप कौन बोल रहे है,

रोहित....... आप का best friend ,

संगिता.....' देखती है कि रोहित अपने केबिन से office के phone से ही बात कर रहा है'

                 आप क्या बात ?

रोहित...... आज भी काम कर रही हो,

संगिता.......office में, काम ही होता हैै,

रोहित.......मुझे तुमसे कुछ कहना है,

संगिता...... कहो...

रोहित...... नाराज नही होना,

संगिता.......Ok, बोलो

रोहित......I love uou.

संगिता..... क्या, पागल हो,

रोहित..... मै जानता हूं, तुम्हें भी मुझ से प्यार है,

संगिता...... मैनें ऐसा कब कहा ?

रोहित...... अब कह दो,

संगिता..... नही, आप जानते हो, मेरी शादी ठिक हो गई

रोहित...... जानता हूं,

संगिता..... तो,

रोहित...... I love you कहने में क्या जाता है,

संगिता..... नही, मैं नही कहुगी, ये गलत है,

रोहित.... गलत, सहि मैं नही जानता, दोस्त एक बार तो कहो,

संगिता...... कैसे कहुं,

रोहित....जब तक नही बोलोगी,मैं फोन नही रखने वाला...

संगिता..... डरते हुए I love you.

रोहित....Oh God , आज  मैं बहुत खुश हूं, जिस शब्द को सुनने के लिए मेरे कान तरस गये थे, वो

                   आज सुना,

संगिता.... अब फोन रखो,

रोहित मजाक में I love you बोला या दिल से मजबूर हो कर बोला पता नही, पर इस होली ने संगिता को ऐसे रंग में रंग दिया जो कभी नही उतरने वाला था, वो पहले से ज्यादा निखर गई, आइने के सामनें खुद से  नजरें नही मिला पा रही थी, जब शाम 5 बजे छुट्टी हुई,

रोहित ने कहा....कैसी हो ?

संगिता....... ऐसा क्यों किया  आप ने ?

रोहित....... पता नही, जो किया दिल ने किया, मुझे माफ करना,

संगिता....... किस बात कि मांफी ,

रोहित....... दोस्त, मैं तुम से नजरें नही मिला पा रहा हूं, तुम हो ही इतनी अच्छी, कोई खुद को कैसे

                  संभाले,

संगिता....... नजरे झुकाये, आंफिस से निकल, घर चली जाती है,

                                                

दुसरे दिन शनिवार था, तबियत खराब होने के कारण संगिता आंफिस नही आती हैै, तीसरे दिन रविवार आंफिस छुट्टी था, जब सोमवार को वह  आंफिस आती है, तो सब आये है पर रोहित कहि नही दिखा, मंगलवार को भी रोहित नही दिखा, तब संगिता Sir से जाकर पूछती है कि.... रोहित कहि बाहर गया है, जो  आंफिस नही  आ रहा,Sir कहते है..... तुम्हें नहीं पता, वह तो शनिवार के दिन ही   

इस्तीफ़ा (resign) दे कर चला गया,मैने बहुत पूछा..कारण क्या है, उसने कहा..... कोई बात नही हैै Sir,तुम्हे तो पता होगा तुम्हार best friend है, संगिता..... नही,Sir  मै नहीं जानती, पूरा ऑफिस परेशान कि वो इस्तीफ़ा दे  कर क्यों और कहा  गया,

संगिता रोहित के लिए बहुत परेशान है, उसे फोन किया पर नही लगा, बार-बार फोन करने पर लगने के बाद भी रोहित फोन नहीं उठाता ,संगिता को सब समझ मेें  आ गया, इस दिल कि गलती के कारण उसने अपना best friend खो दिया, रोहित का आना और संगिता को अपने रंग में रंग कर गायब हो जाना किसी सुहाने सपनें जैसा बन गया, अपने पीछे छोड़ गया, प्यारी-प्यारी बातें जो संगिता को रोज रूलाती है, उसका दिल कर रहा है कि वह भी आंफिस छोड़ दे, लेकिन वो अपने फर्ज के हाथ मजबूर उसी  आंफिस में रोहित के यादों के साथ Job करती रही,

जब उसके भाई  H.S पास कर जाता है,1st division से पास  है घर में सब खुश हैै, संगिता अपनी खुशी सुधीर से शेयर करना चाहती है इसलिए फोन करती हैै, वो फोन काट अपने से फोन करता है,

संगिता......Hello,

सुधीर....... बोलो, कैसी हो,

संगिता...... मै ठिक हूं,आप

सुधीर....... मै भी ठिक हूं, और बोलो,

संगिता...... भाई ,1st division से पास किया,

सुधीर....... मैं जानता हूं , मैं भी उसके साथ स्कूल गया था, बच्चा है न साथ रहने से हिम्मत मिलती है,

संगिता...... मुझे नही पता था,

सुधीर......पता नही, आजकल तुम कहां खोई रहती हो,

संगिता..... ऐसी बात नही है,

सुधीर..... कितने दिनों बाद याद किया, कहां रहती हो...

संगिता....मैं तो यहि हूं,

सुधीर.... और 5 साल रह गये

संगिता... किस बात के,

सुधीर.... अपनी शादी के,

संगिता...मैनें आप से कभी नही कहा कि मैं  आप से प्यार करती हूं,आप मेरा इंतजार मत करो,आप

                शादी कर लो,

सुधीर....... किस से करू,

संगिता....... मैं क्या बोलु,

सुधीर.......मै मजाक कर रहा था, हम दोस्त है, तुम अपने फर्ज पूरा करो, मुझे शादी की जल्दी नही है

संगिता.......by दोस्त , बाकी बाते फिर कभी,

सुधीर......by दोस्त अपना ख्याल रखना,फिर फोन करना,

"संगिता सोचती है, एक सुधीर है जिसे मेरी भावनाओ की कितनी कद्र है, मेरे घर वालों के बारे में भी सोचता है, एक रोहित है, उसकी best friend होने के बाद भी मैं उसे समझ नही पाई, उसकी खामोशी का मतलब क्या समझु, मेरी परेशानी से उसका कोई लेना-देना नही, हमेशा अपनी मर्जी का करता है"

एक साल बाद उसी आफिस में रोहित के post पर रोशन आता है, वो भी बहुत मिलनसार इंसान है, पर इस बार संगिता अपने लिए एक लक्ष्मण रेखा बना रखी है वो किसी से भी कम-से-कम बात करती है, इसलिए वो रोशन से दोस्ती नहीं करना चाहती, पर एक ही जगह काम करने से लोग दोस्त बन जाते है, रोशन बहुत ही अच्छा लड़का है वो भी सब से ज्यादा बात नही करता पर संगिता से दोस्ती करना चाहता है,

संगिता रोशन को अपना good friend बनाने से पहने अपने best friend के साथ हुए हंसी-मजाक और friendship छुटने के कारण को बताया, उसकी शादी ठीक हो गई है यह भी बताया, रोशन सब बात जाननें के बाद भी दोस्ती करना चाहता है, दोनों दोस्त बन जाते है, रोशन कभी भी अपनी दोस्ती का गलत मतलब नहीं निकालता, इसलिए संगिता निश्चिंत हो कर रोशन से सभी बातें करती है,

किसी-किसी दिन वो उसके घर तक छोड़ने आता है, एक दिन सुधीर कि भाभी संगिता को उस लड़के के साथ देख लेती है, और सुधीर पर नाराज होकर कहती है...... तुम शादी के लिए उस लड़की का इंतजार कर रहे हो, जो अपने आंफिस के लड़के के साथ घुमते रहती है, सुधीर कहता है.....क्या हुआ दोस्त होगा, भाभी नाराज होकर खाना बनाने चली जाती है,

3 साल और बित गये, संगिता कभी-कभी सुधीर से फोन पर बात करती और हमेशा यहि कहती आप शादी कर लो, सुधीर हंसते हुए कहता.... मुझे जल्दी नही है यह सुनकर सुधीर की भाभी नाराज होती, पर सुधार भाभी से कहता... पहले संगिता शादी कर ले, उसके बाद तुम जिससे बोलोगी, मैं उससे शादी कर लुगा, भाभी चुप रह जाती,

भाई का पढ़ाई समाप्त हो गया, अब वह नौकरी की चेष्टा में लगा है, संगिता कि मां बोलती है अब तो शादी करेगी, वह कहती है..... भाई का Job हो जाय मैं शादी कर लुगी,

एक दिन अचानक रोहित वापस आ जाता है वह सोच में पड़ गई कि रोहित क्या चाहता है,फिर से संगिता और रोहित कि यादें ताजा हो गई, रोशन समझ जाता है कि शायद यहि संगिता का best friend है, रोशन को लगता है कि अब संगिता को उसकी जरूरत नही, रोशन और रोहित एक ही ऑफिस में काम कर रहे है, उसी में संगिता का काम करना मुश्किल हो गया,

रोहित संगिता का best friend, संगिता रोशन की best friend, इस तरह का ताना बाना बुन चुका है कि तीनों उस आंफिस में सब कि नजर  में  आ चुके है, लड़के बदनाम नही होते, बदनाम लड़कियां होती है, संगिता के पास अब अपने  आप को शादी के 'कवक्ष' में सुरक्षित करना जरूरी हो गया है

भाई को Job मिल गया, अब सब कि नजर संगिता के शादी की ओर लगी है, वह सोच नही पा रही है कि शादी जैसा मजबूत रिस्ता किस आधार पर बनाना चाहिए,

1……...रोहित जो पागल कि तरह उसे चाहता है, अपने दिल की करता है पर समाजिक ज्ञान से अनजान है, संगिता क्या चाहती है ये जानना जरूरी नही समझता बस इतना पता है कि उसे बहुत प्यार करता है,

2…….रोशन जो एक बहुत अच्छा दोस्त है, दोस्ती का मतलब अच्छी तरह समझता है, वह वहि करता है जिससे संगिता को खुशी मिलती है, उसकी आंखों से ऐसा लगता है जैसे वो संगिता से प्यार करता है पर जुबा पर दोस्ती का ताला लगा है,

3……….सुधीर जिसको उस के घरवालों ने चुना है, उसका प्यार दिखाई नही देता पर संगिता महसूस कर सकती है,7 साल इंतजार किया और उस के घर वालों का भी ख्याल रखता है, अपने भाभी के बातों पर ध्यान नही देते हुए, संगिता के ऊपर अपने विश्वास को कायम रखता है

                       “संगिता को सुधीर का प्यार 'सच्चा प्यार' लगा, इसलिए उसने सुधीर से शादी कि और अपने दिल को समझाया कि सुधीर ही Best friend और सहि' जीवन साथी ' हैै...........