शादी बिना " तलाक "

शादी बिना " तलाक "

राहुल और पिंकी कांलेज से दोस्त है, दोनों ही साधारण परिवार के है, इसलिए पढ़ाई करना और अपने पैरों पर खड़ा होना, दोनो के जीवन का उद्देश्य है, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद राहुल को एक प्राइवेट कंम्पनी में Job मिल जाता है,

पिंकी भी कोशिश करती है, पर उसके कोशिश मे कोई रह जाती जो उसे अब तक कोई सहि Job नही मिल पाई, पिंकी के कहने पर, राहुल जिस कम्पनी में काम करता है, उसी में काम की सिफारिश करता है,पिंकी को भी वहि काम मिल जाता है, दोनों अच्छे दोस्त होने के साथ-साथ, एक अच्छे कलिंग भी बन जाते है,

पिंकी. को अपनी हर छोटी-बड़ी जरूरतों पर राहुल ही याद आता, दोनों एक साथ, घर से ऑफिस,ऑफिस से घर जाते, धीरे-धीरे ये दोस्ती कब प्यार मे बदल गई, पता भी नही चला, जब उसके घरवाले उसके शादी के लिए, लड़का देखते है, तब उसे एहसास होता है कि वो राहुल के बिना नही रह सकती, उसने उससे प्यार का इजहार कर दिया,राहुल भी यहि चाहता था, वो भी पिंकी को बहुत प्यार करता है,

पिंकी अपने घरवालों को बता देती है कि वो राहुल से प्यार करती है, दोनो परिवारों को ये रिस्ता मंजूर होता है, उन्होंने इन्हें शादी करने की इजाजत दे दी, मगर पिंकी और राहुल अभी शादी नही करना चाहते,

घर कि आर्थिक स्थिति सहि नही होने के कारण,दोनो अपने रिस्ते को कोट में रजिस्टरी कराते है, जो एक प्रकार से शादी मानी जाती है, समाज भी अब कोट से हुई, शादी को शादी मानने लगा है, इसलिए इन दोनों एक साथ घुमते-फिरते देखकर भी लोग गलत नही समझते है, पिंकी से जब कोई पूछता.....तुम सिंदूर क्यों नहीं लगाती, जब शादी हुई है, उसका जबाब होता.......अभी हम समाजिक और धार्मिक नियम से पति-पत्नी नही है, साल दो साल बाद अपने रिस्ते को पति-पत्नी का नाम देगें,

घर की स्थिती सुधारनें मे इस तरह व्यस्त हो गये कि 8 साल बीत गये, एक ही ऑफिस मे काम करते, रोज मिलते, पर पति-पत्नी नही थे, एक दिन राहुल को एक बड़े कम्पनी सेJob का प्रस्ताव मिलता है, वो पिंकी से पूछता है.....उसे क्या करना चाहिए,

पिंकी....... ऐसा मौका हमेशा नहीं मिलता,

राहुल....... तुम अकेली हो जाओगी,

पिंकी....... कोई बात नहीं,

राहुल.......तुम्हें घर से आंफिस, आंफिस से घर कौन छोड़ेगा,

पिंकी.....बस से आना, जाना करूगी,

दोनों कि राय से राहुल दुसरी कम्पनी मे चला जाता है, अब रोज नही मिल पाते, रविवार उनका अपना होता है, इसी तरह चलता रहा, राहुल कि मम्मी चाहती है कि अब उन दोनो कि शादी हो जानी चाहिए,

शादी के लिए, अच्छा दिन दो महिने बाद का निकलता है, दोनों परिवार को ये तारिख मंजूर है, सभी अपनी-अपनी खुशियों कि तैयारी मे लग गये, राहुल बहुत ख़ुश है, जिसे अब तक चाहता था,वो उसकी हमसफर बनने वाली है,

एक दिन पिंकी जल्दी में सड़क पार कर रही थी, अचानक वाइक से धक्का लग जाता है, वाइक वाले ने गाड़ी रोककर, पिंकी को उठाया और अपने साथ डाक्टर के पास ले गया, वहां इलाज कराने के बाद उसे उसके घर छोड़ देता है, उससे माफी भी मांगता है,

दुसरे दिन फल और फूल लेकर उसे देखनें भी आता है, एक दिन कि घटना रोज कि मुलाकात में बदल गई, जब 6 दिन बाद,पिंकी ठिक होकर आंफिस निकलती है तो वाइक वाला(अजय) उसे लेने आ जाता है, पिंकी भी मना नही करती है, अब बराबर ही अजय उसे लेने, आ जाया करता है,

दोनों को, एक-दुसरे से मिलना, बाते करना अच्छा लगता है, धीरे-धीरे पिंकी राहुल से दूर, अजय के नजदिक हो रही थी, उसे पता भी नही चला कि, ये सब कब और कैसे हो गया,

                                          एक दिन मौका देख..........

अजय........I love you पिंकी, बोल देता है

पिंकी.......sorry, मैं तुम्हें बताना भूल गयी, कि मेरी शादी ठिक हो

              गई है,

अजय....... ठिक हुई है, हुई तो नही,

पिंकी...... ऐसी बात नही है, मैं राहुल से प्यार करती हूं,

अजय....... मुझ से,

पिंकी........ खामोश,

अजय......तुम्हें बोलने कि जरूरत नही, तुम्हारी आंखे बोल रही है,

पिंकी........ पर

अजय...... पर क्या, राहुल से प्यार करती थी, मुझसे प्यार करती हो

पिंकी..... नही अजय, मैं और राहुल, एक-दुसरे को 13 सालों से

             जानते है,

अजय...... मैं तुम्हें 13 दिनों में जान गया हूं, कि तुम मेरी हो,

पिंकी.....हमने 8 साल पहले, कोट में अपनी शादी की रजिस्टरी

           कराई है,

अजय..... रजिस्टरी का मतलब शादी नही होता,

पिंकी....... तो शादी क्या होता है,

अजय..... ये मुझे भी नही पता, पर इतना पता है, तुम्हारा और राहुल का प्यार गहरा होता, तो मैं बीच

              आ ही, नही पाता, तुम बोलो ,ये ऐसा क्यों हुआ,

पिंकी........मैं नही जानती, मैं तुम्हारी मिठी-मिठी बातों में कैसे खो गई, मेरा दिल जो राहुल का था,

               तुम्हारा कैसे हो गया,

अजय..... अभी शादी हुई नही है, अब भी समय है, तुम सोच लो,  तुम्हें किसका साथ चाहिए ,आज के बाद

              हम तब मिलेंगे, जब तुम्हारा दिल, किसी एक को चुन लेगा,

पिंकी सोचती है, शादी के एक महिना रह गया है और ये क्या हो गया, तब तक राहुल का फोन आता है, उसके लिए लहंगा लेना है, वो चाहता है कि पिंकी खुद पसंद करे, जल्दी से तैयार होकर बाजार चलने को कहता है,पिंकी तैयार होकर राहुल के साथ, बाजार तो चली जाती है,दोनों कपड़े के दुकान पर लहंगा देखते भी है, किसी' अधेड़बुन' में कोई पिंकी का ध्यान लहंगा पर है, ही नही

राहुल..........क्या बात है, हमारी शादी होने जा रही है, जिसका इंतजार हम दोनों को सालों से था, आज तुम उदास दिख रही हो,पिंकी की आंखे भर आती है,दोनों दुकान से बाहर आ जाते है,

राहुल....... लहंगा हम कल भी ले सकते है, चलो किसी पार्क में बैठते है, बहुत सारी बाते करते है, काम-काज के कारण समय भी नही मिलता,

राहुल......... पिंकी, तुम रो रही हो

पिंकी.......... तो क्या करू, न जाने ये कैसे हो गया,

राहुल.........क्या हुआ,

पिंकी.........मुझे अजय से प्यार हो गया,

राहुल........ये अजय कौन है,

पिंकी...... अजय और उसके साथ हुई मुलाकात, उसकी प्यारी और बहुत सारी बाते, सबकुछ बता देती है

राहुल....... खामोश है,

पिंकी....... राहुल मैं चाहती तो, तुमसे सबकुछ छिपा लेती, पर तुम सबसे पहले मेरे दोस्त हो फिर प्रेमी,

               आज तक मैंनेतुमसे कुछ नहीं छिपाया, तो इतनी बड़ी बात कैसे छिपाती, मुझे माफ कर दो,

                तुमसे कुछ नहीं छिपाया, तो इतनी बड़ी बात कैसे छिपाती, मुझे माफ कर दो,

राहुल....... तो, मेरे साथ जो था, वो क्या था,

पिंकी........ शायद, वो दोस्ती वाला प्यार था,

राहुल...... अब क्या करना है,

पिंकी....... तुम बोलो, तुम चाहो तो मैं अपने मन को' मार 'तुम्हारी बाहों में आने को तैयार हूं,

राहुल...... अजय को भूल जाओगी,

पिंकी....... शायद नही, क्योंकि वो दिल में वश चुका है,

राहुल...... मुझे, मेरी पिंकी चाहिये, तुम अजय कि हो, उसी से शादी करो

पिंकी....... राहुल, तुम.....

राहुल...... मैं, पता नही......कल हम दोनों को कोट चलना होगा,' तलाक 'कि अर्जी देने के लिए,

पिंकी........ तलाक...?

राहुल........हां पिंकी,एक अजुबा तलाक होगा, जो शादी के बिना होगा, क्योंकि जब तक हमारा तलाक नही

                होगा, तुम अजय से शादी नहीं कर सकती,

"दुर्भाग्य वश दोनों ने कोट में तलाक की अर्जी दे दी है, किस्मत और ये पागल दिल, आगे-आगे और क्या-क्या, खेल दिखता है, पता नही"

                                                                           - Written by

                                                                                                            Rita Gupta