रब की ' मर्जी '

रब की ' मर्जी '
लोग कहते है कि रब की मर्जी के बिना, एक पत्ता भी नही हिल सकता, ये किस हद तक सहि है, ये हर इंसान का अपना अनुभव है, कभी अपने, अपने नही लगते तो कभी कोई गैर अपनो से बढ़कर लगता है, अपने मां-बाप पराये हो जाते और सास-ससुर अपने हो जाते है, अग्नी के सात फेरे लेकर भी रिश्ता टुट जाता है, बिन फेरे कोई दिल मे घर बना लेता है,
ऐसी सारी बातों से ऐसा लगता है मानो रब अपने हाथ में रिमोट कंट्रोल लिए हमारे साथ खेल, खेल रहे है जिसे जिस बात पर नाज है, उसके भ्रम को तोड़ उसे रोने पर मजबूर कर रहे है,
दोपहर का समय है, काम से परेशान, रोने का दिल कर रहा है, खुद मे बड़बड़ाते हुए....... किसे समझाऊ, क्या समझाऊ, कितना मुश्किल होता है,Job के साथ, घर की देखभाल करना,
(तब तक फोन कि घंटी बजती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,hello, कौन )
अजनबी........ एक अजनबी, जो आपका दिवाना है, मैं आपके बारे मे पूरा नही पर 25% तो जरूर जानता
हूं, आप डाक्टर रीतु जी है,
रीतु.............. इसमें नया क्या है, मैं डाक्टर हूं ये बहुत से लोग जानते है,
अजनबी........ सब दिवाने नही होंगे, मैं आपके भोलेपन का दिवाना हूं, आपकी हर अदा मुझे भाती है,
रीतु............. आप मुझसे मिले है,
अजनबी........ हां, जानेमन
रीतु............ आप अपने बात करने का तरीका बदले, मुझे कैसे जानते है और मेरा मोबाइल नम्बर कहां
से मिला,
अजनबी..........ये लम्बी कहानी है, आप जब फुर्सत मे होंगी, तो मैं सुनाऊगा,
रीतु............ तुम्हारी बातों से मुझे गुस्सा आ रहा है,
अजनबी......... वो तो आयेगा ही, आप रीतु जो है, बिल्कुल मौसम कि तरह रंग बदलती है, जैसे ऋतु कब
बदल जाये, पता नही, अभी गुस्सा तो अगले पल प्यार कि बरसात, इसी अदा ने तो मुझे
मारा है,
रीतु........ तुम्हें डर नही लगता, किससे बात कर रहे हो (फोन बंद कर देती है )
"डाक्टर रीतु जो रोज कितने लोगों से मिलती है और भूल जाती है पर इस अजनबी ने अपने बारे में सोचने के लिए बाध्य कर दिया कि आखिर कौन है, बहुत दिमाग दौड़ाया पर कुछ याद नही कि कौन हों सकता है, दुसरे दिन उसी समय पर वह फोन के तरफ देख रही है कहि उसका फोन फिर से ना आ जाय"
(तब-तक रिंग बजता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,)
रीतु.............. कौन,
अजनबी........... हां जान, तुमने नम्बर नोट (save) नही किया, कर लो, अब हमें रोज बात करनी है,
रीतु............. तुम्हारा दिमाग काम नही कर रहा है, तुमने कैसे सोचा कि मैं तुमसे रोज बात करूगी,
अजनबी......... इसमें सोचना क्या है, क्या तुम्हें मेरे फोन का इंतजार नहीं था,
रीतु.............. नही,
अजनबी......... अच्छा झूठ बोल लेती हो,
रीतु............. आज के बाद फोन मत करना,
अजनबी........ आप जानना नही चाहेगी, हम कहां मिले थे,
रीतु............ बोलो, मुझे याद नही,
अजनबी......... वो दिन, मैं कभी नहीं भूल सकता,6th February था, जब मैं घर जाने के लिए, अपने
डिब्बे S-7 मे चढ़ा,जब अपनी सीट के पास पहुंचा, आप अपने पति के गोद मे, सिर रखकर
सो रही थी, जब मैं आपको सोते हुए देखा तो आपके पति को इशारा किया........ सोने
दिजिये, मैं दुसरी साइट मे बैठ गया, कितना आराम से सोई थी, मानो कोई बच्चा मां की
गोद मे सो रहा है, थोड़ी देर बाद आपकी नींद खुल गई, आप उठकर बैठी, तब मैं अपनी
सीट पर आया,जब आपके पति बाथरूम गये, तब आप और मैं उस सीट पर थे, मैं
चुपके-चुपके आपको देख रहा था, पर आपकी नजर किताब से हटे तो मैं दिखु, फिर हम
दोनों के बीच आपके पति आकर बैठ गये,
रीतु.............. तुम बहुत बदमाश हो, ट्रेन में भी बदमाशी, हे भगवान, कैसे हो तुम..........
अजनबी.......... ऐसा मत बोलिये, मैं भी शादी-शुदा ,तीन बच्चों का बाप हूं,
रीतु.............तब ये हाल है, मुझे आपकी बात नही सुननी,
अजनबी.......... आगे जो हुआ वो और प्यारी बात हुई,
रीतु............ क्या हुआ आगे,,,,,,,,,,,
अजनबी.......... डरो मत जानेमन, ऐसा कुछ नही हुआ, दोपहर से लेकर शाम तक आपके बचपने को देख
रहा था, सच में आपके पति आपको बहुत प्यार करते है,
रीतु.......... क्यों नही करेगे, मैं भी उन्हें बहुत प्यार करती हूं,
अजनबी.........पता है, कभी fruti पीना है, तो कभी चॉकलेट खाना, कभी जादू की किताब चाहिये, आपकी
हर र्फ़माइस पूरी हो रही थी, मुझे ये सब देख हंसी आ रही थी और दुःख भी हो रहा था,
रीतु............. दुःख क्यों,
अजनबी...... काश मुझे भी कोई इतना प्यार करता, पर सबका नसीब आपके जैसा नही होता, आप
खुशनसीब हो, अपनो के प्यार के साथ, इस पागल दिवाने का प्यार भी आपको मिला है,
रीतु....... देखों, हद हो गई, मैं, प्यार और तुमसे, कभी नही, गुस्सा से( फोन बंद कर देती है)
रीतु सोच रही है कि वो उसकी बाते सुनती क्यों है, कही उसे भी उसकी बाते अच्छी तो नही लगती, क्या वो पागल है जो मुझे परेशान कर रहा है, पर ट्रेन वाली बाते तो वो सच बोल रहा है, कौन हो सकता है,
अगले दिन, उसी समय पर फोन आता है पर वह उठाती नही, दुबारा रिंग बजता है,
रीतु.............. तुमने फोन क्यों किया,
अजनबी....... बीमार आदमी, डाक्टर को फोन नही करेगा तो किसे करेगा,
रीतु............. कौन बीमार हैं ?
अजनबी....... मैं, आपके प्यार में बीमार हूं, जरा मेरा भी ख्याल रख लिया किजिये,
रीतु............ मैं तुम्हारा नम्बर पुलिस मे दे दुगी,
अजनबी...... दे ही दो जानेमन, वहि अच्छा होगा, घर मे प्यार नही, आप से प्यार की भीख मांग रहा हूं,
वो भी नही मिला, अब जेल सही जगह है,
रीतु............ तुम मुझे भ्रमित कर रहे हो, घर में बीबी है, तीन बच्चे है, ये प्यार नही है ;
अजनबी...... कितनी भोली हो, बच्चे होना, प्यार होने की गारंटी है, या साथ रहना प्यार कहलाता है, आप
डाक्टर हो इसलिए मेरी भावनाओं को नही समझ पा रही हो, आप कहां काश्मीर में, मैं कहां
कन्याकुमारी मे रहता हूं,किस्मत ने हमे एक बार मिलाया था, आपको क्या लगता है कि हम
फिर कभी मिलेगे, नही मैडम जी,,,,,,,,, वो संयोग था जब आपको देखते ही मेरा दिल
आपका दिवाना हो गया, ऐसा कभी-कभी होता है, मुझे आपसे सिर्फ प्यारी-प्यारी बाते करनी
है और कुछ नही, हो सके तो भीख समझकर दे देना,
रीतु............ देखिये, मैं नही जानती कि आपकी प्रोब्लम क्या है,
अजनबी....... मैं सब बताने के लिए तैयार हूं,
रीतु........... मैं सुनना नही चाहती,
अजनबी...... ठिक है, नही बताना,
रीतु........... मेरा नम्बर कैसे मिला,
अजनबी...... ट्रेन में जब शाम 7.30 p.m का समय हुआ, आप दोनों ने एक साथ खाना खाया, तब मैं भी
खाना खा लिया, अब सोने कि तैयारी, मेरा सीट 22 न० जो कि नीचे था, आप दोनों का
23-24 जो मिडिल और ऊपर की सीट थी, आप मिडिल में और पति जी ऊपर की सीट पर
लेट गये,आप लेटे-लेटे कुछ पढ़ रही थी, मैं किसी-ना- किसी बहाने अपनी सीट से उठकर,
आपको देखते हुए बाहर टहलता फिर आकर सो जाता,
रीतु........... कितने गंदे हो,
अजनबी....... किसी को देखना, गंदा होता है, आपको भी कहां नींद आ रही थी, कभी आप इस करवट तो
कभी उस करवट करती रही, अपनी डायरी तकिये के नीचे रख, सोने की कोशिश कर रही थी,
मैं नीचे कि सिट पर लेटा, आपको महसूस कर रहा था, दिल तो करता था कि आपको लोरी
सुनाकर सुला दु, क्या करता ट्रेन था घर नही,ना जाने आपको कब नींद आ गई, मैंने सोचा
चलो, मैडम जी को नींद तो आई, मै भी सोने की कोशिश करने लगा, अचानक आपकी
डायरी नीचे गिर गई, मैं अवाक रह गया, मानो डायरी नही कोई खजाना हाथ लग गया है,
मैंने उसमे से आपका फोन नम्बर ले लिया, फिर जल्दी-जल्दी, किसी-किसी पन्ने को पढ़
लिया, आप उठ ना जाये, इस डर से डायरी को आपके तकिये के पास रख दिया,मैं भी सोने
कि कोशिश करने लगा, मुझे भी नींद आ गई,अचानक अलार्म बजा, मेरी नींद खुल गई, देख
रहा हूं आप अपने उनको बड़े प्यार से उठा रही,,,,,,, ये जी उठिये ना, कब उठेगे, अब उतरना
लगे, थोड़ी देर बाद ट्रेन रुकी है, फिर वो भी नीचे आते है, दोनों लोगों अपने सामान सजाकर
अगले स्टेशन पर उतरने की तैयारी करने आप उतर गई,मेरी ओर देखा भी नही,
रीतु.............मैं क्यों देखु, आप मेरे हो कौन,
अजनबी....... ट्रेन खुल गई, मैं आपको देखता रहा, आप एक बार इशारा करती,मैं चलती ट्रेन से कूद जाता
जानेमन,
रीतु............ ऐसा दिवानापन पहली बार देख रही हूं, कोई किसी को इतना प्यार कैसे कर सकता है,
अजनबी....... मैडम जी, मैं करता हूं, आपको,,,,,,,,,
रीतु............ मत करो,
अजनबी....... क्यों
रीतु............मैं अपने पति की अमानत हूं, किसी और के बारे में सोच भी नही सकती,
अजनबी...... मैं कोई और नहीं, आपका पिछले जनम का प्रेमी हूं,
रीतु............. मैं ऐसी बातों पर विश्वास नही करती,
अजनबी....... यहां बात, विश्वास की नही है, आप डरती है,
रीतु............ किस से डरती हूं,
अजनबी......... अपने दिल से, कहि वो मेरा ना हो जाय, डायरी में तो लिखा है कि, आपको अपने' दिल'
पर बड़ा नाज है कि ,वह कभी भी किसी के बहकावे मे नही आ सकता,
रीतु............सच लिखा है, मुझे अपने दिल पर पूरा विश्वास है,
अजनबी...... तो डर कैसा, उसे उड़ने दो, कैद करके क्यों रखा है, डर है तभी तो, ये तो वहि बात हुई, तोते
को कैद में रखकर इस भ्रम में रहते है कि वो उनका अपना है,
रीतु.......... वो अपना ही होता है, बिल्ली जैसे शैतान से बचाने के लिए, उसे पिचड़े में रखना पड़ता है,
अजनबी....... बिल्ली से ज्यादा उन्हें तोता से डर लगता है, कहि वो उड़कर भाग ना जाय, ठिक आपको
वहि डर है, कहि आपका दिल मेरा ना हो जाय,
रीतु............ खुद को क्या समझते हो, हीरों, मरती होगी लड़कियां तुम पर, मगर मैं नही,
अजनबी...... तो हो जाय, एंक परीक्षा
रीतु........... कैसी परीक्षा,
अजनबी......7 दिनों के लिए,अपने दिल को आजाद कर दो, वो आपका होगा, तो कहि नही जायेगा,
रीतु............नहीं,
अजनबी…... डर गईं, अपने दिल पर भी विश्वास नही,
रीतु............ ठिक है, क्या करना होगा,
अजनबी........... बिना फोन काटे, मेरी प्यारी-प्यारी बातों को सुनियेगा, दिल करे तो कुछ बोल देना,
रीतु............... आप लिमिट में बात करोगे,
अजनबी..........ok,जी
' रीतु सोचती है, ये मैंने क्या किया, कहि अपने पैर पर कुल्हाड़ी तो नही मार ली, अब क्या होगा, शर्त तो लग गई, अब हार-जीत पर ही फैसला होगा, मुझे डरना नही चाहिये, मेरा दिल मेरे काबु मे है, वो पागल हो सकता है, मैं तो होश में हूं,
"7 दिनों तक रोज आधा घंटा फोन पर बाते होती है, अजनबी ने अपने प्यार के इजहार मे कोई कमी नहीं छोड़ा, रीतु भी अपने इंकार मे कमी नही की, फिर भी जो नही होना था ,वों हो गया, रीतु का दिल उसे धोखा दे गया, प्यारी-प्यारी बातों में पड़कर एक अजनबी का हो गया"
अजनबी........ क्या हुआ जानेमन, हो गया ना प्यार,
रीतु............ मुझे से पाप हो गया, जिस दिल पर मुझको नाज था, वो अब आपकी तारीफे करता है,
अजनबी........ प्यार करना पाप नही है, आप आज के युग कि होते हुए भी सोच पुरानी रखती है,
रीतु.......... दोस्त युग बदल सकता है पर भारतिय नारी अपने संस्कार नही बदल सकती है, शादी-शुदा
महिला को' पर पुरुष 'के बारे में सोचना भी पाप है, और मैं तो प्यार कर बैठी,
अजनबी....... मैडम जी, आप रो क्यों रही है, आप कहां, मैं कहां, हमने सिर्फ प्यारी-प्यारी बाते कि है,
रीतु........... मैं हमेशा आपका अपमान इसलिए करती रही ताकी आप अपनी बीबी के प्यार को समझें पर
मेरी कोशिश गलत साबित हुई
अजनबी......... मैं आपको समझ नहीं पाया, हमेशा कहता रहा कि आपके पास दिल नहीं कोई अहसास
नहीं, आप बुद्धू हो,मैं बहुत खुश हूं,कोई, कहि तो है जो मुझे प्यार करता है," ये रब की मर्जी
है कि आप मुझे मिली, मैं आपके प्यार के सहारे पूरी जिंदगी जी लूंगा
रीतु............ दोस्त, मैं जो करने जा रही हूं, उसके लिए शायद तुम मुझे कभी माफ न करो,
अजनबी....... आप क्या करने वाली है,
रीतु............ ये फोन नम्बर, हम दोनों के बीच की कड़ी है, ये खत्म हम दोनों के बीच वार्तालाप बंद,
अजनबी........ आप ऐसा नही करेंगी,
रीतु..........Sorry दोस्त, मुझे माफ करना, लोग प्यार के लिए तरसते है, मैं प्यार को ठुकरा रही हूं, मेरे
लिए मेरा फर्ज सर्वोपरी है, मैं डाक्टर हूं, डाक्टर का काम बीमार को ठिक करना है, उससे
प्यार करना नही, आप तो पुर्नजन्म पर विश्वास करते हो, भगवान से प्रार्थना करना, इस
जनम के अधूरे प्यार को उस जनम में पूरा करा दे,
"Phone No हमेशा के लिए बंद, गलती किसकी, रब की, रीतु की, अजनबी की, नही पता सजा फोन नम्बर को"
Written by
Rita Gupta