"डरावना सच"

"डरावना सच"

एक गांव में मां अपनी 14 साल की बेटी के साथ रहती है, उनका अपना बोलने के लिए कोई नहीं है, दोनों एक-दूसरे का सहारा है, मां गांव में लोगों के, घर में काम कर अपनी जीविका चलाती और मिनी को पढ़ाती बड़ी मुश्किल से उनका गुजारा चलता, मां जब रात को सोती तो दरवाजा, खिड़की अच्छी तरह बंद करके सोती, मिनी यह देखकर हंसती और कहती....... क्या है हमारे घर में, जो चोर आयेगा, मां........तु बच्ची है, अभी समझ नहीं आयेगा,

र्दुभाग्यवश मिनी के मां को सांप काट देता है, उन्हें बचाने की हर कोशिश बेकार साबित होती है, अपनी बेटी को अनाथ कर जाती है, मिनी बेचारी क्या करे, पढ़ाई बंद, मां की जगह वो लोगों के घर का काम करना शुरू कर देती है,समय बीतता है, गम भरता है, वो अकेले जीना सिख लेती है, एक शाम वो बाजार से आ रही थी, तब एक लड़का उसका पीछा करता हुआ उसके घर तक आ जाता है,वो जल्दी-जल्दी भागती हुई अपने घर आकर दरवाजा बंद कर लेती है, उसे मम्मी की बात याद आ जाती है, वो समझ जाती है कि मम्मी दरवाजा क्यों बंद किया करती थी,इस घटना से सतर्क हो गई,

जैसे-जैसे वो बड़ी हो रही थी, वैसे-वैसे लोगों की नियत खराब हो रही थी, वो खुद को कैसे और किस-किस से बचाये, आते-जाते अपशब्द बाते तो आम बात थी, फिर भी वो सभी बातो को अनसुनी कर जी रही थी,अभद्र लोगों की शिकायत असभ्य समाज से कैसे करे,कौन सुनेगा, यहां तो सबके चेहरे पर मुखौड़े लगे है, जो होते कुछ और है, दिखते कुछ और, उसे पता चल गया, अपनी रक्षा आप करनी होगी, आंधी रात को दरवाजा खटखटाने की आवाज से डर जाती है, कौन है, कौन है, जोर से चिल्लाती तो, जो भी होता भाग जाता,सुबह सबसे बोलने पर, सब एक-दूसरे की ओर देखते, ऐसी हरकते आम बात हो गई,

एक रात तो हद हो गई................. दरवाजा को बार-बार खटखटाया जा रहा था, वो डर जाती है,पर हिम्मत करके पूछती है कौन है ? बाहर से एक पड़ोसी महिला की आवाज आती है, मिनी मै भाभी हूं, थोड़ा काम था, दरवाजा खोलों, वो पड़ोस की भाभी की आवाज सुनकर दरवाजा खोलती है, उनके साथ दो लड़को को देख डर जाती है, तीनों घर के अंदर आ जाते है,

मिनी.......... भाभी, ये दोनों कौन है, यहां क्यों लाई हो,

भाभी.........तु डर मत, एक रात की बात है, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, तुझे मुंहमांगा किमत देगे,

मिनी.......... क्या, आप इतनी गंदी हो, मुझे नहीं पता था, अभी निकल जाओ, तुम सब,

भाभी........तु इन्हें खुश कर दे, वर्ना इन्हें जबरजस्ती करने भी आता है,

"मिनी के पास वहां से भागने के सिवा, कोई और रास्ता नहीं था, वह भाग खड़ी हुई, वो आगे-आगे, दोनों लड़के उसके पीछे-पीछे, आधी रात का वक्त, जो खुद डरावना, मिनी भागती गई पर उन्होने उसका पीछा करना नहीं छोड़ा,मिनी गांव के पास के छोटी सी पहाड़ी की ओर भागती है, जिधर जंगल और शमशान पड़ता है, लोग दिन में भी उधर जाने से डरते है,मिनी को शमशान की ओर भागते देख, दोनों लड़कों ने उसका पीछा करना छोड़ दिया,

मिनी दो दिनों तक खुद को वही छिपाया रखा, भूखे पेट कब तक रहे, वह पास के दूसरे गांव में, काम की तलाश करती है, वह दिनभर लोगों के घर काम करती है, शाम होने पर लोगों की नजरों से खुद को बचाते हुए ,पहाड़ी के पीछे शमशाम में ही रात बिताती है,यह सिलसिला कुछ महीनों तक चलता रहा, एक दिन जब वह भागते हुए शमशाम की ओर आती है, उसे बुढ़ा दरबान देख लेता है,

दरबान.......... ये लड़की, तुम कौन हो ?

मिनी.......... बाबा, मैं मिनी,

दरबान.......... यहाँ कैसे ?

मिनी........... बाबा, यही मेरा घर है,

दरबान.......... यहाँ मुर्दो का घर (शमशाम) है,

मिनी........... बाबा, इन्हें मुर्दा ना बोले, ये मेरे रक्षक है,

दरबान.......... मैं समझा नहीं,

मिनी........ मैं दिनभर पास के गांव में काम करती हूं और रात को यहां खुद को सुरक्षित महसूस करती हूं,

दरबान...... तुम्हें डर नहीं लगता,

मिनी........ बाबा, डर तो लगता है, जिंदा लोगों के हवस भरी निगाहों से, उनके गंदे इरादों से,

दरबान...... जी बेटी, कुछ लोग अपनी इंसानियत को मारकर मुर्दा बन गये है,

                                                                                      Rita Gupta.