गलती किसकी और सजा " किसको "

गलती किसकी और सजा " किसको "
गीता और सोनु, कॉलेज friends है,दोनों एक साथ B.A कि पढ़ाई कर रहे है, पढ़ाई में एक- दुसरे की सहायता भी करते है और प्यार भी, गीता हर साल सोनु से ज्यादा न० लाती है, सोनु हंसते हुए कहता है, कभी तो मुझको आगे आने दो, गीता हंसती है... देखो प्यार अपनी जगह है, मैं पढ़ाई में स्वार्थी हूं, इसलिए तुम में हिम्मत है तो मुझको पीछे करके दिखाओ,
सोनु......... जरूरत नही, जितना ध्यान पढ़ाई में लगाऊगा, उतना ध्यान तुम पर दुंगा तो जिंदगी संवर
जायेगी,
गीता.......... देखों, मजाक मत करो, पढ़ाई जरूरी है,
सोनु.......पता है
गीता.........B.A के बाद, लगता है कि घरवाले आगे नहीं पढ़ायेगे, शादी के लिए लड़का देखा जा रहा है,
सोनु......क्यों, मैं सामने खड़ा हूं, वो तुम्हारे मम्मी-पापा को नही दिख रहा है,
गीता......... देखो,Job के बिना, मेरे घर वालों शादी के लिए राजी नही होगे
सोनु......... ठिक है,B.A करने के बाद ही मैं Job ले लुगा, उन्हें एक साल तो रोक सकती हो,
गीता......... ठिक है, मै एक साल रोक कर रखुगी, तुम देर मत करना,
"B.A के पढ़ाई के बाद सोनु जी-जान सेJob कि तैयारी में लग जाता है, और कामयाब भी हो जाता है, गीता, सोनु के job मिलने से बहुत खुश है, दोनों अपने-अपने घरवालों को मनाते है और विश्वास दिलाते है कि वो एक-दुसरे के साथ खुश रहेगे, उनके घरवाले मान जाते है,
गीता और सोनु, कि शादी दोनों परिवारों कि मर्जी से समाज के बनाये गये नियम के अनुसार धूम-धाम से होती है,
शादी के बाद सोनु, गीता को आगे कि पढ़ाई करने को कहता है, गीता कहती है कि वो भी job करती ताकि घर ठिक से चलता, सोनु कहता है मुझे पता है, तुम M.A करना चाहती थी, ये बात और है कि तुम्हारे घर वालो ने आगे नही पढ़ाया,
अब तुम्हारा हर सपना मेरा सपना है, तुम 2 साल और पढ़ लो, फिर आगे कि सोचेगे,गीता का दाखिला होता है, वह ससुराल से ही कॉलेज करने जाती है, सब कुछ ठिक है, सोनु भी अपने Job में व्यस्त है, देखते-देखते 2 साल बित जाते है,गीता अच्छे न० से M.A पास कर जाती है, उसके बाद वह भी job करना चाहती है, पर उसकी सासुजी को गीता का job करना पसंद नही है,
उसकी सास कहती है,..... पढ़ाई तक तो ठिक है, अब job करोंगी तो तुम दोनों बच्चे के बारे मे कब सोचोगे, हम लोगों का भी शौक है, अपने पोते को देखने का, वो भी तुम्हारा फर्ज है,सोनु और गीता को भी मां का कहना ठिक लग रहा है, सब कुछ सहि समय पर सहि लगता है,
कुछ महिने बाद गीता मां बनने वाली होती है, यह खबर दोनों घरवालों को बहुत खुशी देती है, डाक्टर के चेकप के बाद चलता है कि,गीता को खुन कि कमी है, इस पर ज्यादा ध्यान कि जरूरत है, वर्ना बच्चा होने के समय बहुत मुश्किल हो सकता है, उस पर ध्यान दिया जाता है, पर उससे उसको कोई ज्यादा फायदा नही होता है,
सोनु, गीता के लिए अच्छे 'Nursing Home 'और डाक्टर का पता लगाता हैऔर रूपये का इंतजाम कर लेता है, जब सातवां महिना चलता है, तो सोनोग्राफी से पता चलता है कि बच्चा पेट मे उलट चुका है, इसलिए बड़ा आंपरेशन करना पड़ेगा, कमजोरी इतनी है कि खुन कि जरूरत पड़ेगी, गीता का blood group " o positive "है,
डाक्टर सोनु से कहते है... आपके किसी रिस्तेदार से गीता का खून मैच करता है, तो उसे तैयार रखियेगा, दुर्भाग्य से किसी का खून मैच नही करता है,
कुछ दिनों बाद गीता को Nursing Home में भर्ती किया जाता है, डाक्टर ऑपरेशन कि तैयारी कर लेते है, उनके पास 2 पैकेंट blood है जो जरूरत पड़ने पर चढ़ाया जायेगा, हालात के हिसाब से एक पैकेट blood ऑपरेशन के समय चढ़ता है और एक पैकेट उसके बाद चढ़ रहा है,
दुसरा पैकेट खून अभी आधा ही चढ़ा होगा, गीता को बुखार आ गया, डाक्टर खुन चढ़ाना बंद कर देते है, बुखार ठिक होने कि दवा दी जाती है, जब तक दवा का असर रहता है, बुखार कम होता है, फिर वापस आ जाता है,
गीता ने प्यारे से लड़के को जन्म दिया है,सासुजी अपनी बहु का माथा चुमती है और कहती है....तुमने मुझे दादी बनाकर दुनियां कि सारी खुशी दे दी, मैं फिर से सोनु के बचपन को देख रही हू, बिल्कुल अपने पापा पर गया है दादा-दादी, नाना-नानी सभी बहुत खुश है, सोनु अपने बच्चे को देखकर सोचता है........ कल तक वो खुद को बच्चा समझता था, आज वो बच्चे का बाप है, जिंदगी कितने रंग दिखाती है,
गीता का बुखार ठिक नही हो रहा था, डाक्टर को भी चिंता हो रही है, उन्होंने फिर से blood test किया, रिपोर्ट देखने के बाद डा०आश्चर्य रह गये,फिर चढ़ाये गये पैकेटों के blood को test किया,उन्होंने पाया कि 2nd पैकेट का blood HIV positive है, उन्हें समझ में आ गया कि बुखार ठिक होने का कारण क्या है, दवा बदलकर देते है, तो बुखार ठिक हो जाता है
जिन दो डाक्टरों ने मिल, गीता का ऑपरेशन किया था वो अपनी छोटी सी भूल से बहुत दुःखी है,उन्हें पता चल गया है कि गीता भी HIV positive हो गई है, अगर ये बात गीता के परिवार वालो को पता चल जायेगा कि ये हमारी गलती से ऐसा हुआ है, तो वो हम पर केश कर देंगे, इसिलए हम चुप रह जाते है, फिर
उनको लगता है कि उनकी चुप्पी से सोनु भी इस बिमारी का शिकार हो जायेगा, नवजात शिशु आने वाले समय में अपनी मम्मी के साथ-साथ अपने पापा को भी खो देगा और अनाथ हो जायेगा, जो कि बहुत गलत है, हम डाक्टर है, हमारा काम जीवन की रक्षा करना है, इसिलए हम अपनी गलती को स्वीकार करेगें,गीता को छुट्टी देने का दिन आ जाता है, डाक्टर सोनु और गीता दोनों को अपने केबिन में बुलाते है,
सोनु.......... नमस्ते, डाक्टर
डाक्टर.......... आप दोनों बैठो,
सोनु.............. अब मैं गीता को घर ले जा सकता हूं,
डाक्टर.......... हां, पर
सोनु.......... पर क्या
डाक्टर.........हम से अनजाने में गलती हो गयी है,
सोनु.......... कैसी गलती,
डाक्टर........हम पाश्चताप करना चाहते है,
गीता....... कैसी गलती, क्या हुआ है
डाक्टर........ आपके ऑपरेशन के समय hospital से 2 पैकेट blood दिया गया था, उसमें से एक में
HIV positive blood था,
गीता और सोनु......क्या, आप लोगो ने खुन चढ़ाने के पहले चेक नही किया,
डाक्टर........ इतनी जल्दीबाजी थी कि चेक करने का समय नही मिला, ऐसे तो लोगों का blood लेते
समय सही से चेक करके लेना चाहिए, पर ऐसा होता नही है,
सोनु....... अब क्या होगा डाक्टर, मेरी गीता ठिक तो हो जायेगी
डाक्टर......... छोटी सी भूल से गीता को भी, इंतजाम और सावधानी से रहना होगा और HIV कि दवा
लेनी होगी,
गीता........ आपने कितनी आसानी से कह दिया, अब मेरा जीना, मरना समान है
डाक्टर......... आपकी दवा और बच्चे कि देखभाल के लिए, हम दोनों मिलकर 10 लाख रू दे रहे है और
माफी मांग रहे है,
सोनु......... आपके रूपये से सब कुछ ठिक नही हो सकता,
“डाक्टरो को जो करना था, उन्होंने इंसानियत के नाते किया, सोनु गीता और अपने बच्चे को लेकर घर आ जाता है, घर के लोगो को कुछ नही पता है, वो सब बहुत खुश है, गीता और सोनु भी घरवालों की खुशी में उनका साथ देते है, इसी तरह एक महिना बित जाता है, गीता अपने मां के घर चली जाती है, वहि छः महिना रह जाती है, सोनु अपने घर लाने के लिए जाता है पर”
सोनु.......... अपने घर कब चलो,
गीता.........मैं यहि ठिक हूं,
सोनु.......... कब तक यहां रहोगी,
गीता........हम दोनों साथ नही रह सकते
सोनु.........मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता,
गीता........ तुम सब जानकर अनजान मत बनों,
सोनु......... हमने साथ जीने और साथ मरने कि कसमें खाई है,
गीता........ मुझे याद है,
सोनु.......... अगर यह बिमारी मुझे हुई होती, तो क्या तुम मेरा साथ छोड़ देती,
गीता........... भगवान न करे, कि तुम्हे कोई बिमारी हो, तुम्हारा हर दुःख मुझे मिल जाये,
सोनु.......... हम दोनों एक कमरें में भी रहकर, दो अजनबी कि तरह रह सकते है,
गीता.......... रो देती है,आप मुझे तलाक दे दें,
सोनु.......... तुम पागल हो, ऐसा कभी नही हो सकता,
गीता.......... आप फिर जिंद न करो, एक साथ रहने कि
सोनु.......... मैं क्या जवाब दू, अपने मम्मी-पापा को जब वो कहते है कि बहु को घर लाओ,
गीता..........आप जो चाहे बोल सकते है, आपकी मर्जी
सोनु........."अगर जुदाई हमारे प्यार कि परीक्षा है तो यहि सहि, लेकिन आज अपने प्यार कि कसम खा
कर कहता हूं, ना ही,मैं तुम्हें तलाक दूंगा, ना ही, मैं दुसरी शादी करूगा, आज से हम दोनों
एक अच्छे दोस्त कि तरह रहकर अपने बच्चे कि परवरिश करेंगे, जिसे जो सोचना है सोचे
तुम यहां रहो या कहि रहो, एक वादा करो मेरे हर सुख-दुःख मे मेरा साथ देगी
गीता......... मैनें कौन सा पून्य किया था, जो आपको पाये, मैं वादा करती हूं,मैं अपनी अंतिम सांस
आपकी बाहों में लुगी,