क्या.....? यहि प्यार है.....

क्या.....? यहि प्यार है.....

हरएक को, कभी-न-कभी, किसी-न-किसी, से प्यार हुआ रहता है, क्योंकि प्यार अपने 'मधुर एहसास'

से किसी को अनछुआ नही रहने देता, यह ऐसा एहसास है जिसको छिपाया नही जा सकता,

                                               इस एहसास से बच पाना मुश्किल ही नही, नामुनकिन है, ये बात और है कि इसे स्वीकार करने कि हिम्मत सब में नही होती, हम सब इसके दुषपरिणाम से डरते है, प्यार में खोते है..... नींद, चैंन, मान, सम्मान, अपनों का लगाव, इतना सब खोकर प्यार पाने कि चाहत  जिसमें होती है वहि  इसे पा सकता है,

माहि और रोहित एक ही कक्षा 12 के छात्र है, जिनकी उम्र 17 साल कि है, माहि मां-बाप कि एकलौती संतान है, बड़े लाड-प्यार से पली  हुई  जिद्दी लड़की है, रोहित साधारण घर का लड़का है, अपने दोस्तों में अपना  प्रभाव जमाने के लिए कोई भी शर्त जीतने के लिए जी जान लगा देता है,

माहि के गुस्से वाले स्वभाव के कारण किसी लड़के में हिम्मत नही थी कि वो  माहि से अपने प्यार का इजहार कर सके, रोहित के  दोस्तों ने उसके सामने शर्त रखी कि अगर वो  माहि को अपने प्यार के जाल मे फंसा लेगा तो 500 Rs  जीत जायेगा, नही तो हार मान लेगा कि यह उसके वस का काम नही है,

रोहित को शर्त जीतने कि आदत बन चुकी थी, वह तैयार हो जाता है, पहले उसने माहि से दोस्ती कि फिर प्यार का नाटक,माहि किसी लड़के से प्यार नही करती पर रोहित में कुछ बात तो है, जिससे वह अपने आप को रोक नही पाई और उससे प्यार कर बैठी, रोहित भी शायद नाटक करते-करते प्यार कर बैठा,

बात स्कूल से दोनों के घर तक पहुंच गई, माहि के घर से उसके ऊपर शासन शुरू हो जाते है, पढ़ाई बंद करने कि नौबत  आ जाती है पर उसके पापा ने कहा परीक्षा देना होगा, पढ़ाई घर में बैठ कर ही पूरा करना है, माहि के शादी के लिए लड़के देखने का काम शुरू हो गया, देखते ही देखते शादी ठिक हो गई

अब माहि कि चिंता बढ़ गई, उसने पहली बार किसी को चाहा वो भी उसे न मिले, ये बात उसे मंजूर नही थी, उसने रोहित से भाग कर शादि करने कि सोच ली, पर रोहित शादि जैसे बड़े फैसले के बारे में सोचना हि नही चाहता,

रोहित को पता नही था कि प्यार शादि तक पहुंच जायेगा, माहि ने रोहित से साफ-साफ कह दिया कि अगर वह उसकी नहीं हुई तो किसी की नही बनेगी, अपने प्राण त्याग देगी,

दोनों कि उम्र 18 साल के होने में 3-4 महिने बाकि थे, जिसके कारण वो कोट से भी शादी नही नही कर सकते है, अनजाने में दोनों ने इतना गलत कदम उठाया, जो उनके लिए मुशिबत को बुलाना साबित हुआ, दोनों घर छोइ कर भाग गये, पुलिस और घरवालों से भागते रहे और मुशिबत झेलते रहे,3-4 महिने उन के लिए 3-4 साल जैसा  कटा जब 18 साल के हो गये तो कोट से शादी हो गई उसके बाद रोहित के माता- पिता अपने बेटे-बहु को घर पर रख पाये,

माहि के मां-बाप उसके नाम का श्राद्ध कर चुके थे, उनके लिए माहि मर चुकि थी, ससुराल में भी उसे उसकी सास ननद गलत समझते है, उन्हें लगता है कि उनका लड़का सहि है, माहि ने ही उसे अपने प्यार जाल में फंसा कर ऐसे कदम उठाने पर मजबूर किया, माहि जब भी बाहर निकलती मोहल्ले वाले ऐसे देखते हैै जैसे उसने कितना बड़ा गुनाह किया है,

नासमझ  माहि प्यार पाने कि चाह में मां-बाप, भाई-बहन, मान-सम्मान, पढ़ाई सबकुछ खो दिया, आज वो सोचती हैै कि यह चाहत कितनी गलत थी, कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है, पर इतना खो कर सिर्फ प्यार पाना क्या सहि है ?

दिन महिने, महिने साल बनते गये, उसने एक कन्या को जन्म दिया, खर्च बढ़ गया रोहित सिर्फ 10 पास क्या कर सकता है, उसके लायक कोई नौकरी नही, घर की जरूरत बढ़ती गई, गलत संगत मे पड़ कर रोहित सुपाड़ी किंलर [ रुपये के लिए मर्डर करने वाला ]  बन गया, पुलिस के डर से एक दिन घर पर रहता तो 4 दिन बाहर छिपा रहता,

हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे थे, वंश पाने कि चाह में माहि दुबारा मां बनी, इस बार लड़का हुआ,

तीन महिनें बाद रोहित एक बड़े आरोप में पकड़ा गया, उसे एक साल कि सजा होने वाली है, रोहित ने अपने दोस्त सूरज से कहा कि वो 50000 रुपया देकर बेल पर छुड़ा ले, सूरज अपने दोस्त के सामने हां तो कह दिया, लेकिन वह रूपये ऐसी ही देने को तैयार नही है, उसकी नियत महि को पाने कि है,उसने महि से कहा.. मै रूपया तुम्हारे लिए दे सकता हूं अगर तुम्हे मंजूर हो तो बोल देना वर्ना मेरे पास रूपया नही है,

उधर रोहित से कहता है कि तेरी बीबी घमंडी है, वह मेरे रूपये से तुझे छुड़ाना नही चाहती, रोहित भी माहि को गलत समझता है, माहि रोहित को बताती है कि सूरज किस शर्त पर रुपया देना चाहता हैै,

रोहित सब समझता है फिर भी नासमझ बनता है और माहि को गलत करार देता है और अपने दोस्त को सहि कहता है, माहि पर नाराज होते हुए कहता है कि.... तुम कैसी बीबी हो जो अपने पति के लिए इतना भी नही कर सकती, माहि समझ गई कि उसे क्या करना होगा, उसने अपने आत्मा को बेंच दिया और पति को बेल मिल गया,

अब माहि खोई-खोई रहने लगी, उसकी हंसी न जाने कहा खो गई, एक दिन उसने रोहित को किसी से फोन पर बाते करते हुए सुनी, वो  किसी लड़की से कह रहा है कि वो उसका है आज भी वो उसे ही प्यार करता है  माहि से शादी तो मजबूरी थी,

ऐसी बाते सुनने के बाद माहि के होश उड़ गये, सच क्या है, यह जानने के लिए रोहित से आमने-सामने बात करना जरूरी समझी, जब रोहित ने ये कहा कि वो दोस्तों से शर्त जीतनें के लिए उससे प्यार का नाटक किया था, इतना कड़वा सच , माहि के लिए सहन कर पाना बहुत मुशिकल था, पर उसने खुद को अपने बच्चों के लिए मजबूत किया, चेहरे पर नकली हंसी बनाये हुए सबसे मिलती,

वो अंदर ही अंदर रोज मर रही थी, सबकुछ खो कर जी पाना कितना मुशिकल होता है,

एक दिन किसी छोटे से बात पर ही माहि और रोहित का झगड़ा होता हैै, जिसमें दोनों  ने एक-दुसरे को ऐसी-ऐसी बाते बोली जो कि नहीं बोलनी चाहिये, माहि ने जिस प्यार के लिए सब कुछ छोड़ा वो प्यार ही उससे छुटकारा चाहता है, उसे अपने आप से नफरत होने लगता है उसने खुद को मिटा देने कि ठान ली,

उसने खुद को एक कमरे में बंद कर के मिट्टी का तेल डालकर आग लगा लेती है, दरवाजा बंद होने के कारण उसे बचानें में समय लगा, तब तक बहुत जल चुकी थी, उसे जल्द अस्पताल ले गये, ये खबर जब उसके मम्मी-पापा को मिली वो सब भूल कर बेटी से मिलने आये, माहि को बचानें के लिए सारी दौलत लगा देना चाह रहे है, पर किस्मत ने उन्हें मौका नहीं दिया,2 दिन बाद तीसरे दिन माहि सब को छोड़ नयी दुनियां में चली गई, वह जाते-जाते दोनों हाथों को जोड़कर अपने मम्मी-पापा से माफी मांगा,

अपने पीछे छोड़ गई अपनी यादें, और दो छोटे-छोटे बच्चे जो मां के प्यार के बिना इस मतलबी दुनियां का सामना करते हुए बड़े होगे, आज भी उसके बच्चों को देखकर एक ही सवाल उठता है.........

   क्या.....? यहि प्यार है.....