' किस्मत अपनी ' मुठी ' में,

' किस्मत अपनी ' मुठी ' में,

"जब किस्मत ,साथ देती है तो ; चित भी अपनी, पट भी अपना "

ये कहानी' शेखर 'नाम के 24 साल के युवक कि है, जो इतनी कम उम्र मे, इतना नाम और एक अच्छा स्थान, अपनी काबलियत पर हासिल किया है, जो काबिले तारिफ है, आज के नवयुवक जो राह भटक जा रहे है, उनके लिए ये मार्गदर्शन का कार्य करते है,

जिस तरह सोना आग मे तप कर मूल्यवान बनता है, उसी तरह शेखर का जीवन गरीबी के आग मे तप कर, आज लोगों के सामने उदाहरण के योग्य बना है, आज ये जहां खड़े है, वहां तक पहुंचने मे इन्होनें बहुत से कष्ट सहे है,(जिस पर बितती है, वहि जानता है)

शेखर का बचपन बहुत गरीबी में बिता है, इनके पापा दो भाई है, दादा-दादी, चाचा-चाची के साथ रहते थे, इनके पापा को अलग कर दिया था, छोटे बेटे ने, अपने पापा को बहलाकर सारी सम्पती अपने नाम करा लिया,

 

शेखर के पापा, अपने दोनों बेटों और पत्नी के साथ, गरीबी से लड़ रहे थे, शेखर और उनके भाई को लोग प्यार से, लव-कुश कहते है, बचपन के दिनों में,उन्हे कई बार, नमक-रोटी और नमक-भात खाकर सोना पड़ा था, जिंदगी कैसे संवरेगी, ये समझ मे नही आ रहा था, दादाजी के पास सबकुछ रहते हुए, इस परिवार को दुःख के दिन, काटने पड़े,

अभी किस्मत को और परीक्षा लेना था, जब शेखर 15 साल का था, तब तेज बुखार के कारण" कोमा" कि स्थिति मे चला गया, मम्मी-पापा का लाडला, बड़ा बेटा, इस अवस्था मे,रो-रोकर उनका बुरा हाल था, उन्होंने कर्ज लिये, और जो कुछ उनके पास था, सब लगाकर, अपने बच्चे को बचा लिया, आज से 9 साल पहले, चार लाख रूपया,लगाकर शेखर को नई जिंदगी मिली,

यहां से शुरू होती है, शेखर की नयी जिंदगी, जब कोई मौत के मुंह से बचकर आता है, तो जरूर उसे जहां में कुछ खास काम करना होता है, इसीलिए उसे जिंदगी ने दुसरा मौका दिया, पढ़ाई के साथ-साथ अपने अच्छे व्यवहार के कारण,शेखर ने लोकप्रियता हासिल की, कॉलेज में लीडर चुना गया,

अच्छे नेतृत्व के कारण, युवाओं के लिए, एक अच्छा लीडर साबित हुआ, वहां से सीटी-दर-सीटी आगे बढ़ते हुए, वो आज एक अच्छा मकाम पर खड़ा है, पर मंजिल अभी मिली नही है, रास्ता बहुत लम्बा है, चलते जाना है, अपने राह के सारी मुश्किलों को दूर करते हुए, एक दिन वो जगह पाना है, जिसके लिए भगवान से, उसे दुसरा जन्म मिला है,

जो लोग खास होते है, उनकी सोच आम लोगों की तरह नहीं होती,शेखर मे वो बात है जो उसे खास बनाती है, नवयुवक होकर भी, सभी बुरी आदतों से दूर, एक समझदार नागरिक है, जो अपने आपको देश कि सेवा में लगाये रखता है, भगवान करे, वो हर कठिनाई को पार करते हुए, आगे बढ़ते जाये,

                                                                                                       Rita Gupta.