" दूध का जला "

" दूध का जला "

विश्वास पात्र इंसान से जब, विश्वासघात मिलता है तो जिंदगी बिखर सी जाती है और समय जाते-जाते सिखाकर कर जाता है कि राह में फूंक-फूंक कर पांव रखना चाहिए, फिर दुःखी इंसान छांछ  भी फूक कर पीता है,

 

"यह कहानी आज की पीढ़ी के स्वभाव और सोच पर आधारित है"

रोहित कांलेज का सबसे स्मार्ट लड़का है, कांलेज की लगभग सारी लड़कियां उस पर फिदा है पर उसे किसी में दिलचस्पी नहीं, पढ़ाई कर नौकरी हासिल करना ही उसका उद्देश्य है, B.A 1st year की पढ़ाई शुरू हुए लगभग छः महिना हो चुका है, पढ़ने वाले छात्र-छात्रा पढ़ाई में मन लगा चुके है,जिन्हें कांलेज मस्ती का जगह लगता है वो मस्ती करने में लगे है,

मोहिनी का दाखिला होने से मानों कॉलेज के छात्रों में नई जान आ गई हो, सबकी जिज्ञासा बढ़ जाती है कि आखिर इतनी खूबसूरत लड़की कौन है और इतनी लेट से दाखिला क्यों,मोहिनों को सुमन के पास सीट मिलता है, सुमन से पूरे कॉलेज को पता चल जाता है कि मोहिनी के पापा पुलिस इंस्पेटर है, जिनका तबादला इसी शहर में हुआ है, जिससे मोहिनी को पढ़ाई यहि से करनी पड़ेगी, उसके परिवार में मम्मी-पापा और दो छोटे भाई है, कुछ पांच लोगों का परिवार है, मोहिनी में उसके घरवालों की जान बसती है, पढ़ने में अच्छी होने के साथ-साथ बहुत ही चंचल और नटखट भी है,

कॉलेज में दाखिला तो हो जाता है पर उसकी पढ़ाई छः महिना पीछे हो गई, वह सुमन से नोट्स मांगती है, सुमन कोई नोट्स नहीं बनाई होती है, बाकी लड़कियां भी बहाना बना देती है, मोहिनी परेशान है कि कौन है जो उसकी पढ़ाई में सहायता कर सके,लड़कियों को पता है कि रोहित किसी से लगाव नहीं रखता, इसलिए उन्होंने मोहिनी को कहती है कि रोहित ही एक ऐसा लड़का है, जिसके पास सारे नोट्स मिल सकते है, मगर वो किसी को देगा नहीं बड़ा ही अहंकारी है पता नहीं खुद को क्या समझता है,

मोहिनी हिम्मत करके रोहित से नोट्स मांगती है, वह मना नहीं करता, सब लड़कियां यह देख अवाक रह जाती है, जो लड़का किसी लड़की से बात नहीं करता था, वह मोहिनी से बात भी किया और नोट्स भी दिया, इतना ही नहीं कोई असुविधा होने पर उसकी सहायता करने का आश्वासन भी दिया,

धीरे-धीरे रोहित और मोहिनी अच्छे दोस्त बन जाते है,B.A 1st year में हुई दोस्ती,3rd years तक चलती है, मोहिनी का कोई भी काम रोहित की सहायता के बिना नहीं होता है, उसे पढ़ाई से लेकर दिल की बात करने के लिए भी रोहित ही चाहिए,दोनों की जोड़ी भी अच्छी लगती है, उनकी दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता भी न चला, पूरे कॉलेज में सबको पता है कि इनमें प्यार है, रोहित अपने प्यार का इजहार मोहिनी से कर देता है, वह भी इजहार को स्वीकार कर लेती है, दोनों को देखकर ऐसा लगता है, मानों एक-दूसरे के लिए बनें है,

B.A की पढ़ाई पूरी कर रोहित नौकरी (Job) की तैयारी में लग जाता है, पढ़ने में तेज होने के बाद भी वह आगे की पढ़ाई नहीं करता उसे डर है कही मोहिनी के घरवाले उसकी शादी कही और ना कर दे, इसलिए जल्दी से नौकरी लेकर मोहिनी से शादी करना जरूरी लगा, मोहिनी अपनी आगे पढ़ाई जारी रखती है,बिना शादी किये, दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे थे, उन्हें पूरा विश्वास था कि एक ना एक दिन शादी होगी ही, सिर्फ नौकरी मिलने की देरी है,

मोहिनी के घरवाले इन सब बातों से अनजान उसके शादी के लिए लड़का देख रहे है, लड़का डाक्टर है, उसके पास पैतृक संपती के साथ-साथ,1,00,000 रु प्रतिमाह की कमाई है, देखने में भी किसी हिरो से कम नहीं है,डॉक्टर राज शादी के लिए हां करने के पहले मोहिनी से मिलना चाहता है, दोनों के घरवाले मान जाते है, मिलने का स्थान मंदिर के पास ,एक पार्क है, शाम के समय वहां छोटे बच्चे खेलते है और उनके माता-पिता बैठकर बाते करते है, छोटा मगर मनमोहक फूलों से भरा हुआ पार्क है, वही दोनों मिलते है,

राज.........Hello,मैं राज

मोहिनी....... जी जानती हूं,

राज........ वो कैसे,

मोहिनी....... आपकी तस्वीर देखी है,

राज........ अच्छा, वैसे तो मैंने भी आपकी तस्वीर देखी है, मगर आप तस्वीर से ज्यादा अच्छी है,

मोहिनी......Thanks, आप भी,

राज........... मैं आपसे क्यों मिलना चाहा, आपको पता है,

मोहिनी....... नहीं,

राज........... मैं नहीं चाहता कि ये शादी आपकी मर्जी के खिलाफ हो,

मोहिनी....... आपने ऐसा क्यों सोचा,

राज........... क्यों ऐसा होता है ना, लड़की किसी से प्यार करती है और मां-बाप उसकी शादी जबरजस्ती

                 कहीं और कर देते है,

मोहनी........ जी ऐसा होता तो है,

राज........ आपको किसी से प्यार है तो बोले मैं आपकी सहायता करूगा, उससे शादी कराने में,

मोहनी........( थोड़ी खामोश होकर मन मंथन करती फिर जबाब देती,) नहीं मैं किसी से प्यार नहीं करती,

राज.........Thank God, मेरे दिल से बोझ हट गया, अब मैं शादी के लिए हां बोल दूंगा, आप खुश है ना

              मुझसे मिलकर, कोई कमी हो तो बोले, मैं खुद को सुधारू गा

मोहिनी........ जी, सब ठीक है,

राज......... तो हम अब चलते है, शादी के बाद ही इधर-उधर घुमा जायेगा, आप ही सोचे कि कहां-कहां

              घुमने जाना है,

मोहिनी...........( हंस देती है )

फिर दोनों अपने-अपने घर चले आते है और शादी के लिए हामी भर देते है, मोहिनी राज के दौलत और खुबसूरती पर फिदा होकर, रोहित के प्यार और अच्छे स्वभाव को भूल जाती है,किसी समय रोहित ही सब कुछ हुआ करता था, अब उससे पीछा छुटाने के लिए उपाय सोचती है, पहले से मिलना-जुलना कम कर देती है, अब रोहित के चार बार फोन करने पर एक बार फोन उठाती है, उसके बदले हुए तेवर से रोहित भी परेशान है, एक तरफ नौकरी के काम का तनाव ऊपर से मोहिनी का बदला रूप, रोहित दोनों से परेशान है, वह एक बार उससे मिलकर कारण जानना चाहता है,

दोनों मिलते है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

रोहित........... क्या हुआ, तुम बदल सी गई हो, कोई बात है तो बोली, तुम्हें परेशान नहीं देख सकता,

मोहिनी......... मेरे मम्मी-पापा मेरी शादी तय कर चुके है,

रोहित........... ऐसा कैसे हो सकता है, तुमने उन्हें बताया नहीं, हम प्यार करते है,

मोहिनी......... नहीं,

रोहित.......... कोई बात नहीं, मैं कल तुम्हारे घर आऊंगा, मेरी नौकरी भी हो गई है, तुम्हारे मम्मी-पापा

                  को हम दोनों मना लेगे,

मोहिनी........... उसकी जरूरत नहीं,

रोहित.......... क्यों,

मोहिनी........... मैं वही शादी करूगी जहाँ वो चाहेगे,

रोहित......... तुम बालिक हो, कोई जबरजस्ती नहीं कर सकता, हम दोनों दोस्ती और प्यार के रिश्ते से भी

                 आगे निकल चुके है, हमें शादी कर लेनी चाहिए,

मोहिनी..........( खामोश )

रोहित......... तुम चुप क्यों हो, घरवालों से डरती हो, कोई बात नहीं, कल मैं अपने मम्मी-पापा को लेकर

                  तुम्हारे घर आऊंगा, अब हमारे बड़े आपस में बात कर ले तो अच्छा होगा,

मोहिनी........ तुम समझते क्यों नहीं,

रोहित.......... क्या समझे,

मोहिनी........ लड़का डॉक्टर है, उसके पास पैतृक संपती है, पापा ऐसे लड़के को छोड़कर, तुमसे मेरी शादी

                  नहीं करा सकते,

रोहित......... हम दोनों का प्यार, वो तुम भूल जाओगी, चलों हम दोनों कोट से शादी कर लेते है, बाद में

                       सब ठीक हो जायेगा,

मोहिनी........... तुम्हें समझाना मुश्किल है,

रोहित.......... तुम खुलकर समझाओं, अड़चन कहाँ है,

मोहिनी........... दरअसल मैं खुद ' डॉक्टर राज ' से शादी करना चाहती हूं, उनके साथ मेरा भविष्य

                  सुरिक्षत और बर्तमान खुशहाल होगा, हर इंसान को अपने बारे में सोचने का हक है,

रोहित........ हमारे बीच कितना गहरा रिश्ता है, ये भूल गई, हम दोनों प्यार की सारी हदे पार कर ली है,

                 क्या एक-दूसरे को भूल पायेगे,

मोहिनी.......... पति-पत्नी के बीच ' तलाक ' हो जाता है, हम तो सिर्फ प्रेमी है,

रोहित........... अगर मैं, हमारे संबन्धों के बारे में राज को बता दू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तो,

मोहिनी.......... तुम ऐसा नहीं करोगे, मुझे विश्वास है, तुम मेरे अच्छें दोस्त हो,

रोहित.......... तुम मेरी नजरों से दूर चली जाओ, मैं तुम्हारे लिए कोई अपशब्द इस्तेमाल नहीं करना

                  चाहता, तुमने आगे बढ़ने के लिए मेरा इस्तेमाल किया, मैं नासमझ तुमसे प्यार करता था,

                  शायद अब सें मैं किसी सुन्दर और पढ़ी-लिखी लड़की पर विश्वास न कर पाऊं,

                   तुमने जो जख्म दिये है, वह कभी नहीं भरेगा, आज से मैं तुम्हें नहीं जानता,

" मोहिनी वहां से चली जाती है "

टूटा हुआ दिल लेकर रोहित सालों अकेलेपन की जिंदगी काट दिया, उसके मम्मी-पापा उसे बहुत समझाते है, अपनी कसम देते है, तब जाकर वह शादी करने को तैयार होता है, शादी के लिए, गांव की लड़की का चुनाव करता है, जिसकी परवरिश एक जेल रूपी, चारदिवारी के बीच हुई हो, जो बिल्कुल नासमझ हो,रोहित जिस लड़की को शादी के लिए पसंद करता है, उसका नाम मंजू है, जो 18 साल की ,गांव की सीधी-साधी गोरी है, पढ़ाई के नाम पर सिर्फ अपना नाम लिखने जानती है, इससे ज्यादा उसके घरवालों ने कुछ नहीं सिखाया, रोहित खुद 35 साल का रेलवे स्टेशन मास्टर है,

"लड़की वाला खुश है कि नौकरी वाला लड़का मिल गया, लड़के वाले खुश है कि कमसिन लड़की मिल गई"

इस शादी के जोड़े को देखकर मेरे मन में कुछ सवालों का जन्म होता है,

1……..क्या रोहित, मंजू को जीवन संगनी के रूप में पाकर खुश है  ?

2…….मोहिनी के बेवफाई से, रोहित का लिया गया, यह निर्णय क्या सही है  ?

3…….कितने % आशा है, भविष्य में रोहित और मंजू की शादी टिके रहने की    ?

                                                                                                Rita Gupta.