रब ने बनाई जोड़ी

रब ने बनाई जोड़ी
किसी गांव मे ममता नाम कि घोनसारिन{अनाज भुन कर जिविका चलाने वाली} रहती थी, एक दिन अपने 5 महिने के बच्चे को लेकर जंगल के पास लकड़ी चुनने गयी थी, उसने अपने बच्चे को पत्ता पर सुला कर टोकरी से ढक दिया और लकड़ी चुनने में लग गई,
यह सब एक शेर देख रहा था, शेर ने उससे नजर बचा कर उस बच्चे को उठा ले गया, वह रोती-चिल्लाती रही कोई कुछ नही कर पाया, उसका एक मात्र वहि बच्चा हि अपना था, शेर बच्चे को लेकर शेरनी के पास गया, बच्चे को देखकर शेर पर नाराज होते हुए कहा... यह तुमने क्या किया इतने छोटे बच्चे को उसके मां से जुदा कर दिया, हम इसे नही खायेगे यह अब से हमारा बच्चा बनकर रहेगा।
शेरनी ने बच्चे को अपना दूध पिला कर बड़ा किया, शेर ने उसे जंगल में रहना सिखाया, बच्चा बड़ा हो कर नवयुवक बना,
जंगल के बाघ, चीता, इत्यादि जानवरो को उसे देखकर मुंह में पानी आता था, सब इंतजार कर रहे थे कि कब शेर-शेरनी मरे कि नवयुवक को अपना शिकार बना सके,
शेरनी का दूध पिया हुआ युवक महान शक्तिशाली और सुन्दर था, एक दिन युवक ने शिकार करने के लिए 80 मन का तीर और 84 मन का धनुष मांगा, शेर ने कहा.... इतना भारी तीर-धनुष मै लोहार को धमकी देकर बनवा तो दुगा, तुम उठा नही पाये तो मै तुम्हे मार डालुंगा, नवयुवक ने कहा..... पहले आप बनवा दो फिर देखो............
शेर ने तीर-धनुष बनवा दिया, युवक ने एक हाथ में ही उठा कर ऐसे चल रहा था मानो श्री राम जी चल रहे है, शेर-शेरनी यह देख कर बहुत खुश थे, युवक बुढ़े जानवरों के लिए शिकार करता, सभी आनंदमय रह रहे थे,एक दिन शेरनी ने शेर से कहा.... जब हम दोनो नही रहेगे तो हमारा बच्चा जंगल में इन खतरनाक जानवरो के बीच सुरक्षित नही रहेगा, हम इसकी शादी कर के इस जंगल से दूर भेज देगे, शेर ने कहा.... किसकी लड़की से शादी करेगे, शेरनी ने कहा...... हम जंगल के राजा है यह हमारा राजकुमार है इसकी शादी किसी राजा कि बेटी के साथ होगी, जंगल के बाहर एक राजा रहता है हमे उसकी बेटी पसंद है, उसे आप उठा लाओ !
एक दिन मौका देख कर शेर ने राजकुमारी को उठा लाया, जंगल मे ही नवयुवक और राजकुमारी की शादी हुई, युवक ने अपने तीर-धनुष से शिकार कर के सभी जानवरो को दावत दी, शादी के बाद शेरनी ने राजकुमारी से कहा...... बहु तुम हमारे बेटे को लेकर अपने महल चली जाओ, युवक जंगल छोड़ने को तैयार नही था, शेर-शेरनी के बहुत समझाने पर दोनो जंगल छोड़ कर शहर कि ओर चल दिये,
जब शहर आने वाला था, राजकुमारी ने सोचा..... इस वेश मे युवक को महल ले जायेगे तो लोग क्या सोचेगे, पहले मैं जाती हूं वहां से एक नाउ{ दाड़ी बनाने वाला} को चुपके से उसके हाथ नये कपड़ों और जुतो के साथ भेज दुगी, राजकुमारी ने युवक को बरगद के पेड़ के नीचे बैठने को कहा खुद महल में चली गई
राजकुमारी को महल में देखकर सभी बहुत प्रसंन हुए, राजा को खुसी का ठिकाना न रहा,राजकुमारी ने सारी बाते बताई और कहा कि उसका पति अभी पीछे से आ रहा है,राजकुमारी ने जिस नाऊ को भेजा था, उसके मन में पाप आ गया उसने युवक कि दाड़ी बनाते समय उसका गला हल्का से काट दिया, युवक बेहोश हो गया, नाऊ राजकुमार वाला पोशाक पहन कर महल में राजा के पास आ गया, राजा ने उसे अपना दामाद समझ कर स्वागत् में लग गया,
राजकुमारी ने जब उसे देखा तो रो पड़ी, उसने राजा से कहा.... यह उसका पति नही है यह धोखा है उसका पति 80 मन का तीर 84 मन का धनुष एक हाथ में उठा सकता है इससे पूछो वो तीर-धनुष कहां है, उसकी चोरी पकड़ी गई उसे बंदी बना लिया गया, राजा ने अपने सिपाहियों को जंगल में भेजा ताकि युवक को खोज कर लाये
सिपाहियो को युवक नही मिला, केवल तीर-धनुष उठा कर ले आये राजकुमारी बहुत दुःखी थी राजा ने चारो दिशाओं में खबर फैला दी, कि जो कोई इस तीर-धनुष को उठा पायेगा,राजकुमारी की शादी उसी से कि जायेगी,
उधर भोले शंकर-माता पार्वती बुढ़ा- बुढ़ी का वेश बना कर, उस अधमरे युवक की सेवा कर नया जिवन दान दिया, वह दो दिन में पूरी तरह ठिक हो गया, जब उसे यह खबर मिली कि उसका तीर-धनुष राज महल में है तो वह राजमहल में आया और सबके सामने अपना तीर-धनुष एक हाथ में उठा लिया, यह देख कर राजकुमारी ने अपने पति को वरमाला पहना दी, धूम-धाम से प्रजा को खिलाया गया,नवयुवक ने प्रजा के सामने अपने बारे में पूरी कहानी सुनाई तो प्रजा चिल्ला पड़ी.... यह तो ममता बुढ़ियां का बेटा है जिसे बचपन में शेर उठा भागा था, ममता ने अपने बेटे को गले से लगाया,
आज की पीढ़ी ऐसी कहानियो पर विश्वास नही करती, लेकिन उन्हे यह नही पता कि हर एक घटना , किसी-न-किसी घटना से जुड़ी होती है, कब, कहां, और क्या होगा सब पहले से तय है,.....